शुक्र सबसे चमकीला ग्रह. कहा जाता है कि शुक्र का रत्न हीरा जिसकी चमक कभी कम नही होती. हीरे का पावर कभी कम नही होता. हीरा आप जिंदगी भर के लिए पहन सकते हो. शुक्र प्रभावी आदमी कोई भी कार्य कर सकता है. शुक्र की महादशा में जातक में जातक एक से ज्यादा कार्य करता है. शुक्र एक आकर्षण है. शुक्र ऐसा ग्रह है जो जातक को सब कुछ दिलाता है. ज्ञान, सुख, ऐश्वर्य, प्रसिद्धि आदि सब कुछ. कुंडली मे शुक्र का शुभ होना बहुत जरूरी. अब ये देखिये की लग्न के दोनों तरफ और सामने शुक्र का पूर्ण तरह प्रभाव रहता है. काल पुरुष की कुंडली मे 2 भाव शुक्र का अपना घर है वृषभ राशि का. 7 भाव तुला राशि का. 12 भाव जहां शुक्र उच्च का. अब आप लोग देख लीजिए शुक्र जातक के चारो तरफ मंडराता रहता है. ज्योतिष का, डॉक्टर का, नेतागिरी का, धन का, पत्नी का, ऐश्वर्य का, गायन का, नृत्य का आदि सब का कारक शुक्र है. मतलब जिसको ज्ञान के साथ भौतिक जीवन की चाह है उसका शुक्र का बलवान होना बहुत जरूरी. नेता हो या अभिनेता किसी की भी कुंडली देख लीजिए शुक्र बलि मिलेगा ही. लेकिन यही शुक्र यदि जातक खराब कर ले तो जातक किसी काम का न रहे क्योंकि बिना वीर्य शक्ति के चरित्र निर्माण नही ओर इसके बिना पुरुषार्थ ही कहा होता है क्योंकि गीता में तो साफ लिखा ही कि जिसका चरित्र गया उसका सब कुछ गयी. बलि और शुभ का शुक्र बहुत अच्छी जीवन संगिनी प्रदान करता है. और घर मे साक्षात महालक्ष्मी आ जाये तो कुल का बहुत सुंदर निर्माण करती है. शुक्र सिर्फ भोग के लिए ही नही अपितु ज्ञान, चरित्र निर्माण में भी बहुत बड़ी या बोल दीजिये पूर्ण भूमिका अदा करता है. बुध के बाद सूर्य के सबसे समीप ग्रह है अतः सूर्य का तेज भी इसमें निहित है. और बुध के साथ हो तो उसको अपना सारा बल दे देता है मतलब बुद्धि में भी शुक्र की बहुत बड़ी भूमिका है. और शुक्र तभी बलि होता जब आप अपनी पत्नी के साथ सामंजस्य बनाये. उसकी इज्जत करे.
शुक्र और कर्म
शुक्र प्रभावी या शुक्र की दशा वाला जातक हमेशा एक से ज्यादा ही काम करता है या 2 काम एकसाथ करता है.
या यूं कहें कि शुक्र प्रभावी जातक किसी भी काम मे हाथ डाल लिता है. लक्ज़री, गायन, अभिनय, ज्योतिष, होटल, ज्वेलरी, डॉक्टर, कंप्यूटर, ब्यूटी पार्लर, ब्यूटी प्रोडक्ट आदि आदि इसी तरह के कई काम.
शुक्र फेम देता है. नेता हो या अभिनेता दोनो को ही फेम की जरूरत जी आजकल.जबतक आपको प्रसिद्धि नही मिलेगी तबतक काम कैसे बनेगा आपका. प्रसिद्धि तो आजकल हर चीज में जरूरी है. तो फिर देर किस बात की. शुक्र को मजबूत करो जल्दी से.
7 धातु में वीर्य सबसे अंत मे बनता है. मतलब सबका निचोड़ शुक्र है.
मृत संजीवनी भी तो अलग ही तरह की विद्या है. और ज्योतिष क्या है. तो फिर शुक्र ज्योतिष का मुख्य कारक हुआ कि नही.
आजकल तो शुक्र की धूम हर जगह मची हुई है. जहाँ देखो शुक्र का राज है. बताने की जरूरत ही नही है.
आपका आकर्षण शुक्र ही तो है.
आपके हार्मोन्स शुक्र चन्द्र ही तो है.
लक्ज़री इछया शुक्र ही तो है.
फ़िल्म शुक्र ही तो है.
रसोई शुककर ही तो है.
बीवी शुक्र ही तो है.
फूल शुक्र ही तो है.
3 में नीच का शुक्र शुभ ग्रहः से दृष्ट न हो तो बाप रे बाप.
द्वादश में शुभ का शुक्र योग में ही भोग समझता है. उतना ही भोग देगा जितनी जरूरत है.
2 3 का शुक्र ज्योतिषी बना देगा.
सप्तम में अकेला पीड़ित शुक्र गन्दी बात.
पंचम में शुभ का शुक्र बुद्धि में चार चांद.
एकदश का शुक्र भी अच्छा.
हरीश मिश्र
श्री मारुति एस्ट्रो वर्ल्ड
अंक ज्योतिष के अनुसार जानें 25 दिसंबर 2022 तक का राशिफल
जानें ज्योतिष आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया से 24 दिसम्बर 2022 तक का साप्ताहिक राशिफल
वैदिक ज्योतिष में षोडश वर्ग कुंडली महत्त्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में मंगल कमजोर हो तो ऋण लेने की स्थिति बनती है!
वैदिक ज्योतिष में कुंडली के छठे भाव में ग्रहों का प्रभाव
Leave a Reply