दिल्ली. दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यूनिट ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो से मिले इनपुट पर दिल्ली में चाइल्ड पोर्नोग्राफी और पीडोफिलिया नेटवर्क के खिलाफ ऑपरेशन मासूम चलाया और छापेमारी के बाद 105 केस दर्ज किए. इस मामले में पुलिस ने अभी तक 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी व्हाट्सएप और अन्य प्लेटफार्म के माध्यम से बाल यौन शोषण से संबंधित सामग्री साझा करते पाए गए.
अमेरिका स्थित एजेंसी नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन से मिली जानकारी के आधार पर दिल्ली पुलिस ने ये कार्यवाही की. एनसीएमईसी ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के साथ समन्वय करता है और सूचना साझा करने में मदद करता है. एनसीईएमसी का फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ भी टाइअप है. यह एजेंसी विभिन्न उपकरणों का उपयोग करके इन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर शेयर किए जा रहे कॉन्टेंट की निगरानी करती है और बच्चों से संबंधित किसी भी अश्लील सामग्री के मिलने पर संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को अवगत कराती है.
एनसीईएमसी उन संदिग्ध सोशल मीडिया यूजर्स के आईपी एड्रेस भी ट्रेस करती है, जिन्होंने बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री अपलोड की है. ये विवरण फिर एनसीआरबी के माध्यम से विभिन्न राज्यों में पुलिस को भेजे जाते हैं. चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ समन्वित कार्रवाई की शुरुआत पिछले साल दिसंबर में डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने की थी. 2021 के बाद से दिल्ली पुलिस का यह दूसरा ऐसा ऑपरेशन है. दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑप्स यूनिट ने तब 172 प्राथमिकियां दर्ज की थीं और शहर भर में 102 लोगों को गिरफ्तार किया था. डीसीपी मल्होत्रा और उनकी टीम ने हर जिले में नवगठित साइबर पुलिस स्टेशनों के लिए पहचाने गए इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस और संबंधित मोबाइल नंबरों को जियो-टैग किया था.
स्थानीय साइबर पुलिस स्टेशनों ने संबंधित क्षेत्रों से संदिग्धों को गिरफ्तार करने के लिए एनसीईएमसी और एनसीआरबी से प्राप्त सूचना का उपयोग किया था. दूसरे ऑपरेशन की योजना लगभग एक महीने पहले बनाई गई थी, जब आईएफएसओ को उल्लंघन के विवरण के साथ चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित ताजा साइबर टिप-लाइन रिपोर्ट प्राप्त हुई थी. डीसीपी प्रशांत गौतम ने कहा कि इन सीटीआर के आधार पर, विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 105 मामले दर्ज किए गए हैं और अपराधियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की गई है. दिल्ली के सभी जिलों की पुलिस ने ऑपरेशन मासूम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह कवायद इंट्रा डिपार्टमेंटल और इंटर एजेंसी कोऑर्डिनेशन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली: कोरोना के पांच नए मरीज मिले, एक की मौत: सीएम केजरीवाल ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
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