फतेहपुर. उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है और इसके लिए लंदन से फंडिंग की जा रही है. प्रदेश के फतेहपुर में एक कथित अवैध धर्मांतरण मामले की पुलिस की आठ महीने की जांच में सामने आया है कि धर्मांतरण के लिए आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्रलोभन दिया जाता है. इसके लिए लंदन से पैसों की फंडिंग होती है. पुलिस ने इस मामले में प्रयागराज नैनी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के चांसलर सहित चार को नोटिस जारी किया है और उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि धर्मांतरण के खेल में एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है. चर्च में आ रही फंडिंग की जांच की गई है. इनके खातों को खंगालने पर पता चला है कि विदेश की संस्थाएं इन्हें धन मुहैया करा रही थीं. इसी जांच के क्रम में प्रयागराज के नैनी एग्रीकल्चर यूविर्सिटी के चांसलर विनोद बिलाल और वाइस चांसलर आरबी लाल को नोटिस भेजकर 29 दिसंबर को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है. साथ ही पुलिस ने बताया है कि प्रयागराज बाइबिल सेरेमनी बेली अस्पताल के पास रहने वाले बिसप मिस्टर पॉल, एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट (सियाटस) के जेटी आलिवर का भी बयान दर्ज किया जाएगा.
पुलिस का दावा है कि इन सभी के खातों में लंदन से रुपये भेजे गए. इसके बाद इन्होंने ये पैसे चर्च की संस्था को उपलब्ध कराए. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अगर ये लोग दोषी पाए जाते हैं तो इनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इनको बयान दर्ज कराने के लिए हर हाल में पुलिस के सामने उपलब्ध रहना होगा.
पुलिस के अनुसार चर्च से जुड़ी संस्थाएं एक मिशन के तहत धर्मांतरण का काम कर रही हैं. हालांकि मिशनरी के लोगों ने पुलिस के इस दावे से साफ इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि पुलिस अभी तक एक भी ऐसे व्यक्ति को सामने नहीं ला सकी है, जिसका धर्मांतरण किया गया हो. गौरतलब है कि इस पूरे मामले की जांच एटीएस की निगरानी में हो रहा है.
हरिहरगंज के इवेजिकल चर्च में हिंदू संगठनों ने बीते 15 अप्रैल को सामूहिक धर्मांतरण कराए जाने का आरोप लगाया था. साथ ही इस दौरान चर्च के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा किया था. इसके बाद पुलिस ने मामले में केस दर्ज करते हुए 54 लोगों पर केस दर्ज किया है. इस मामले में चर्च के पादरी सहित 15 लोग जेल जा चुके हैं. 36 ने अग्रिम जमानत हासिल कर ली है और तीन फरार हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-MP News: शिवराज सरकार का फैसला, अब धर्मांतरण से 60 दिन पहले कलेक्टर को देनी होगी सूचना
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