तंत्र ज्योतिष में चन्द्रमा का महत्व, सुख-शांति का कारक

तंत्र ज्योतिष में चन्द्रमा का महत्व, सुख-शांति का कारक

प्रेषित समय :20:14:34 PM / Sun, Jan 8th, 2023

चन्द्रमा को वैसे तो सुख-शांति का कारक माना जाता है...लेकिन यही चन्द्रमा जब उग्र रूप धारण कर ले तो प्रलयंकर स्वरूप दिखता है.

तंत्र ज्योतिष में तो यह कहावत है कि चन्द्रमा का पृथ्वी से ऐसा नाता है कि मानो मां-बेटे का संबंध हो, जैसे बच्चे को देखकर मां के दिल में हलचल होने लगती है, वैसे ही चन्द्रमा को देखकर पृथ्वी पर हलचल होने लगती है, चन्द्रमा जिसकी सुन्दरता से मुग्ध हो कवि रसीली कविताओं और गीतों का सृजन करते हैं, वहीं भारतीय तंत्र शास्त्र इसे शक्तियां अर्जित करने का समय मानता है.

आकाश में पूरा चांद निकलते ही कई तांत्रिक सिद्घियां प्राप्त करने में जुट जाते हैं. चन्द्रमा प्राकृतिक तौर पर बहुत सूक्ष्म प्रभाव डालता है जिसे साधारण तौर से नहीं आंका जा सकता, लेकिन कई बार यह प्रभाव बहुत बढ़ जाता है जिसके कई कारण हो सकते हैं.

ज्योतिष शास्त्र इसके संबंध में कहता है कि चन्द्रमा का आकर्षण पृथ्वी पर भूकंप, समुद्री आंधियां, तूफानी हवाएं, अति वर्षा, भूस्खलन आदि लाता हैं. रात को चमकता पूरा चांद मानव सहित जीव-जंतुओं पर भी गहरा असर डालता है.

शास्त्रों के अनुसार भी चन्द्रमा मन का कारक है. चन्द्रमा दिल का स्वामी है. चांदी की तरह चमकती रात चन्द्रमा का विस्तार राज्य है. इसका कार्य सोने चांदी का खजाना शिक्षा और समृद्घि व्यापार है. चन्द्रमा के घर शत्रु ग्रह भी बैठे तो अपने फल खराब नहीं करता. प्रकृति की हलचल में चंद्र के प्रभाव विशेष होते हैं.

चन्द्रमा से ही मनुष्य का मन और समुद्र से उठने वाली लहरे दोनों का निर्धारण होता है. माता और चंद्र का संबंध भी गहरा होता है. मूत्र संबंधी रोग, दिमागी खराबी, हाईपर टेंशन, हार्ट अटैक यह सभी चन्द्रमा से संबंधित रोग है.

Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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