पुरुष आयोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचा: कहा- वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने से कमजोर होंगी शादियां

पुरुष आयोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचा: कहा- वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने से कमजोर होंगी शादियां

प्रेषित समय :20:08:47 PM / Sat, Jan 21st, 2023

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने का विरोध किया गया है. याचिका में कहा गया है कि अगर वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित कर दिया जाता है तो इससे शादियां अस्थिर हो सकती हैं. बता दें कि यह याचिका एक एनजीओ पुरुष आयोग ने दाखिल की है. एनजीओ पुरुष आयोग की अध्यक्ष बरखा त्रेहन ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने के लिए जो याचिकाएं दाखिल की गई हैं, उनमें कोर्ट हस्तक्षेप करे.

याचिका में कहा गया है कि शक्तियों के पृथक्करण का सिद्धांत, संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है और किसी कृत्य को अपराध बनाने की शक्ति सिर्फ विधायिका के पास है. याचिका के अनुसार, बिना पर्याप्त सबूतों के वैवाहिक दुष्कर्म का मामला शादी खत्म कर सकता है. अगर जबरन शारीरिक संबंध बनाने का कोई सबूत होगा तो सिर्फ पत्नी की गवाही ही होगी. यह आसानी से विवाह संस्था को अस्थिर कर सकता है.

एनजीओ पुरुष आयोग ने वकील विवेक नारायण शर्मा के माध्यम से यह याचिका दाखिल की है. जिसमें कहा गया है कि देशभर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां महिला के झूठे आरोपों के बाद व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. याचिका के अनुसार, ऐसे असंख्य मामले सामने आए हैं, जहां विवाहित महिला ने कानून के प्रावधानों का गलत इस्तेमाल किया. इनमें शारीरिक उत्पीड़न, 498ए और घरेलू हिंसा के मामले शामिल हैं. अगर आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 को हटा दिया जाता है तो यह महिलाओं के लिए अपने पतियों को प्रताड़ित करने का एक आसान टूल बन जाएगा.

याचिका में कहा गया है कि पत्नी द्वारा दुष्कर्म का कोई भी आरोप सिर्फ कहने भर से सच मान लिया जाता है. वहीं दूसरी तरफ अधिकतर मामलों में पति अपने बचाव में सबूत पेश नहीं कर पाता. केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में पेश हुए. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह मामला कानूनी होने के साथ ही सामाजिक प्रभाव वाला भी है. कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र सरकार का पक्ष भी पूछा है.

बता दें कि वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. कोर्ट ने 15 फरवरी तक इस मामले में सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले पर मार्च में सुनवाई होगी. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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