हिन्दू धर्म में हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में जाना जाता है, जो अपने भक्तों को ना सिर्फ हिम्मत, बल और शौर्य प्रदान करते हैं, बल्कि तमाम भय और बाधाओं से भी मुक्ति दिलाते हैं. बजरंगबली जिस पर प्रसन्न होते हैं, उसे ना तो मंगल दोष का भय होता है और ना ही शनि की दृष्टि का. हनुमान जी अपने भक्तों के सभी दुखों को दूर कर उन्हें सभी प्रकार के भय और बाधा से मुक्त करते हैं.
आम तौर पर हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, लेकिन इसके साथ-साथ अगर आप बजरंग बाण का भी पाठ करें, तो आपको विशेष लाभ प्राप्त होगा. बजरंग बाण को हनुमान जी की आराधना कर उनका आशीर्वाद पाने का सबसे अचूक उपाय माना जाता है.
बजरंग बाण का पाठ कैसे करें
बजरंग बाण का पाठ मंगलवार, गुरुवार व शनिवार के दिन करना चाहिए.
सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान ध्यान से निवृत होकर हनुमान जी के मंदिर में जाएं या घर पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें या उनकी तस्वीर के सामने कुश से बने आसन पर बैठें.
बजरंग बाण का पाठ करने के दौरान कुश का उसका आसन अवश्य इस्तेमाल करें.
बजरंग बाण का पाठ करने के लिए सबसे पहले गणेश जी की आराधना करें. इसके बाद श्री राम और सीता जी का ध्यान करें.
अब हनुमान जी का मनन करते हुए उनसे अपनी मनोकामना पूरी करने की बात कहें. इसके बाद बजरंग बाण के पाठ का संकल्प लें.
धूप, दीप और फूल चढ़ाते हुए पहले हनुमान जी की पूजा अर्चना करें.
आपने जितनी बार बजरंग बाण पाठ का संकल्प लिया है, उतनी बार उसका रुद्राक्ष की माला से पाठ करें या फिर बिना माला के गिनती याद रखते हुए जाप कर सकते हैं.
बजरंग बाण पाठ के दौरान इस बात का ख़ास ख्याल रखें कि आप सभी शब्दों का उच्चारण सही कर रहे हों.
बजरंग बाण पाठ के बाद भगवान् श्री राम का कीर्तन करें और फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें.
बजरंग बाण का पाठ इन परेशानियों के लिए करें
यदि आपके विवाहित जीवन में भी कोई समस्या आ रही है, तो केले के पेड़ के नीचे बैठकर बजरंग बाण का पाठ करने से लाभ मिल सकता है. इसे हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और जीवन सुखमय बीतेगा.
यदि आपकी कुंडली में किसी प्रकार का ग्रह दोष मौजूद है तो आपको नियमित रूप से सूर्योदय से पूर्व उठकर बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए. इस दौरान आटे से बना दीप जलाएं.
किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी से निजात पाने के लिए राहुकाल में हनुमान जी को 21 पान के पत्तों की माला चढ़ाते हुए बजरंग बाण का पाठ करें. इस दौरान घी के दीये जलाएं.
यदि आप कार्यक्षेत्र में किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो आप मंगलवार के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा अर्चना करें और बजरंग बाण का पाठ करें.
वास्तुदोष की वजह से परेशानी हो, तो नियमित रूप से प्रतिदिन तीन बार बजरंग बाण का पाठ करें. इसके साथ ही घर में पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करके भी इस दोष से मुक्त हो सकते हैं.
मांगलिक दोष के निवारण के लिए प्रत्येक मंगलवार को बजरंग बाण का पाठ करें. इससे मांगलिक दोष का निवारण जल्द हो सकता है.
राहु और केतु की महादशा होने पर भी इसका पाठ लाभप्रद हो सकता है.
इस बातों का रखें ध्यान
बजरंग बाण का पाठ विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार के दिन करना लाभदायक साबित हो सकता हैं.
बजरंग बाण का पाठ किसी भी दिन शुरू ना करें. इसे मंगलवार के दिन ही शुरू किया जाना चाहिए.
किसी मनोकामना की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं तो कम से कम 41 दिनों तक इसका पाठ ज़रूर करें.
इस पाठ के दौरान विशेष रूप से लाल रंग के कपड़े धारण करें और ब्रह्मचर्य का पालन ज़रूर करें.
जितने दिन भी बजरंग बाण पाठ का संकल्प लें, उस दौरान किसी प्रकार का नशा या मांसाहार का सेवन ना करें.
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