अभिमनोज. कड़ाके की ठंड में लखनऊ में हजारों शिक्षामित्र अपना आत्मसम्मान और अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, हर मौके पर अगली पंक्ति में खड़े होकर काम करने वाले शिक्षामित्रों का योग्यतानुसार समायोजन और उचित मानदेय उनका हक है, आखिर क्यों शिक्षामित्र सिर्फ चुनावों में याद आते हैं?
अपनी ही सरकार के खिलाफ जनहित के मुद्दे उठाने के कारण लंबे समय से चर्चित रहे बीजेपी सांसद वरुण गांधी का 13 जनवरी 2023 को यह आखिरी ट्वीट था, इसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी खामोशी रहस्य बन गई है!
खबरों की मानें तो इस खामोशी का कारण- पिछले दिनों सीएम योगी और मेनका की हुई मुलाकात हो सकती है?
मेनका गांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी, दोनों के बीच ये मुलाकात सीएम योगी के लखनऊ स्थित आवास पर हुई थी.
याद रहे, इस मुलाकात के बाद से वरुण गांधी न तो बेरोजगारी, आशा वर्करों की समस्याएं, किसानों की आय आदि मुद्दों पर बोल रहे हैं और न ही गांधी परिवार सहित विपक्ष के किसी नेता के बारे में बोल रहे हैं!
वरुण गांधी के कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों में जाने की सियासी चर्चाओं के बीच राहुल गांधी का यह बयान भी आया था कि- वह वरुण गांधी को निजी तौर पर तो गले लगाने को तो तैयार हैं, लेकिन सियासत में अपने साथ लेने को तैयार नहीं है?
शायद इस बयान का भी कुछ असर हो सकता है?
काहे धमाल मचा रहा है.. #चौकीदार_ही_चोर_है ? कोई लाख करे चतुराई, करम का लेख मिटे ना रे भाई!
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-भाजपा के संपर्क में हैं जेडीयू के बड़े नेता: उपेंद्र कुशवाहा के बयान से गर्माई बिहार की राजनीति
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