भगवान शिव को कौन-सा फूल चढ़ाने से क्या फल मिलता है?

भगवान शिव को कौन-सा फूल चढ़ाने से क्या फल मिलता है?

प्रेषित समय :19:34:13 PM / Sat, Feb 18th, 2023

शिवपुराण के अनुसार, जानिए भगवान शिव को कौन-सा फूल चढ़ाने से क्या फल मिलता है*
 1. लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है.
 2. चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है.
 3. अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने पर मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है.
 4. शमी वृक्ष के पत्तों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है.
 5. बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है.
 6. जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती.
 7. कनेर के फूलों से भगवान शिव का पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं.
 8. हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है.
  9. धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है.
 10. लाल डंठलवाला धतूरा शिव पूजन में शुभ माना गया है.
 11. दूर्वा से भगवान शिव का पूजन करने पर आयु बढ़ती है.
 आमदनी बढ़ाने के लिए
महाशिवरात्रि पर घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी पूजा करें. इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जाप करें-
ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं
प्रत्येक मंत्र के साथ बिल्वपत्र पारद शिवलिंग पर चढ़ाएं. 
बिल्वपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें. अंतिम 108 वां बिल्वपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें तथा उसे अपने पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन उसकी पूजा करें. माना जाता है ऐसा करने से व्यक्ति की आमदनी में इजाफा होता है.
संतान प्राप्ति के लिए उपाय
महाशिवरात्रि की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव की पूजा करें. इसके बाद गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं. अब प्रत्येक शिवलिंग का शिव महिम्न स्त्रोत से जलाभिषेक करें. इस प्रकार 11 बार जलाभिषेक करें. उस जल का कुछ भाग प्रसाद के रूप में ग्रहण करें.
यह प्रयोग लगातार 21 दिन तक करें. गर्भ की रक्षा के लिए और संतान प्राप्ति के लिए गर्भ गौरी रुद्राक्ष भी धारण करें. इसे किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त देखकर धारण करें.
 बीमारी ठीक करने के लिए उपाय
महाशिवरात्रि पर पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें. अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करें. अभिषेक करते समय ऊं जूं स: मंत्र का जप करते रहें.

Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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