उद्धव ठाकरे- चुनाव आयोग पीएम मोदी का गुलाम है! पल-पल इंडिया ने तो अनेक बार कहा है- काश, टीएन शेषन होते?

उद्धव ठाकरे- चुनाव आयोग पीएम मोदी का गुलाम है! पल-पल इंडिया ने तो अनेक बार कहा है- काश, टीएन शेषन होते?

प्रेषित समय :19:44:28 PM / Sat, Feb 18th, 2023

अभिमनोज. कानूनी भ्रष्ट आचरण के जब-जब भी मामले सामने आते हैं.... टीएन शेषन को अक्सर याद किया जाता है!
पल-पल इंडिया ने तो ऐसे समय पर अनेक बार कहा है- काश, टीएन शेषन होते?
खबरें हैं कि- महाराष्ट्र  में चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे के प्रतिद्वंद्वी एकनाथ शिंदे को शिवसेना पार्टी का नाम और तीर-धनुष का चुनाव चिन्ह दे दिया, इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग पर शब्दबाण चलाए और कहा कि- चुनाव आयोग, पीएम मोदी का गुलाम है, उसने कुछ ऐसा किया है जो पहले कभी नहीं हुआ?
याद रहे, चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिदे को उस पार्टी की पहचान सौंप दी जिसे उद्धव ठाकरे के पिता बाला साहेब ठाकरे ने 1966 में स्थापित किया था.
एकनाथ शिंदे ने मोदी टीम के दम पर करीब आठ माह पहले उद्धव ठाकरे की सरकार का तख्तापलट कर दिया था.
पल-पल इंडिया ने 23 नवंबर 2022 को लिखा था कि-
कई राजनेता काननून भ्रष्ट आचरण में एक्सपर्ट हो गए है, लिहाजा ऐसे राजनेताओं को सबक देने के लिए समय-समय पर टीएन शेषन को याद किया जाता रहा है?
खबर है कि.... जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया में सुधार की सिफारिश करने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई की, इस दौरान अदालत ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त को ऐसे चरित्र का होना चाहिए, जो खुद पर बुलडोजर नहीं चलने देता. इतना ही नहीं, इस दौरान संविधान पीठ ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त दिवंगत टीएन शेषन का भी जिक्र किया था और कहा था कि- टीएन शेषन जैसा व्यक्ति कभी-कभी होता है.
खबरों की मानें तो पीठ ने कहा था कि- कई सीईसी रहे हैं, लेकिन टीएन शेषन कभी-कभार ही होते हैं. टीएन शेषन को पूर्व कैबिनेट सचिव पद पर 12 दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर 1996 तक के कार्यकाल के लिए पोल पैनल में नियुक्त किया गया था, 10 नवंबर 2019 को उनका निधन हो गया.
अपने कार्यकाल के दौरान जिस तरह से चतुर राजनेताओं को टीएन शेषन ने सबक दिया था, वह भारतीय प्रजातंत्र के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है!
सियासी सयानों का मानना है कि- ऐसा नहीं है कि ऐसा पहली बार हुआ है, पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी भी इस तरह की कार्रवाई का सियासी शिकार हुई थी, लेकिन बाद में उन्होंने सब विरोधियों को ढेर कर दिया था?
पल-पल इंडिया ने लिखा था- आपातकाल का वर्ष-अंक, क्या करेगा?
https://twitter.com/Pradeep80032145/status/1469905867717767172?ref_src=twsrc%5Etfw

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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