अगर आवारा कुत्तों को खाना देकर थोड़ी-बहुत देखभाल की जाए तो वो आक्रामक नहीं होंगे: बॉम्बे हाईकोर्ट

अगर आवारा कुत्तों को खाना देकर थोड़ी-बहुत देखभाल की जाए तो वो आक्रामक नहीं होंगे: बॉम्बे हाईकोर्ट

प्रेषित समय :19:13:35 PM / Thu, Feb 23rd, 2023

मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने ऑब्जर्वेशन सीवुड एस्टेट लिमिटेड की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर आवारा कुत्तों को खाना दिया जाए और थोड़ी-बहुत देखभाल की जाए तो वो आक्रामक नहीं होंगे और लोगों पर हमला नहीं करेंगे. इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि अदालत ने भी कोर्ट परिसर में आवारा कुत्तों की दिक्कत को खाना खिलाकर दूर किया है. जस्टिस गौतम पटेल ने कहा कि कोई भी कुत्ते और बाघ को उसकी टेरिटोरियल लिमिट नहीं बता सकता है. वो आपकी सीवुड एस्टेट की बाउंड्री को नहीं पहचानते हैं. हमें भी बॉम्बे हाई कोर्ट में ये समस्या थी. हमने उन्हें खाना खिलाकर इसका हल निकाल लिया है. हालांकि कोर्ट ने कहा कि कुत्तों को खाना खिलाने के लिए निर्धारित जगह तय करने की भी जरूरत है. एक बार जब जगह की पहचान हो जाए तो फिर उन्हें वैक्सीनेट करने और स्टर्लाइज्ड करने का काम किया जा सकता है.

जस्टिस गौतम पटेल और नीला गोखले की बेंच ने एसईएल के उन वॉलंटियर्स की लिस्ट भी मांगी जो कॉम्पलेक्स के भीतर कुत्तों को खाना खिलाने और उनकी देखभाल के लिए खर्च करने को तैयार हों. इसी के साथ कोर्ट ने इस मामले को 20 मार्च 2023 तक स्थगित कर दिया. नवी मुंबई के सीवुड स्थित एक रेसिडेंशियल कॉम्पलेक्स के कुछ लोगों ने याचिका दाखिल की थी ताकि अदालत नवी मुंबई महानगर पालिका को निर्देशित कर सके कि वो सार्वजनिक जगहों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए जगह चिन्हित करे.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन लोगों पर इनकी हाउसिंग सोसायटी ने कुत्तों को खाना खिलाने पर जुर्माना लगाया था, जिसको इन्होंने कोर्ट में चुनौती दी थी. याचिकाकर्ताओं और एसईएल के बीच इस मुद्दे को लेकर लंबे समय से टकराव चल रहा था. इस मामले को लेकर हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने एक एनडीओ द वेलफेयर ऑफ स्ट्रे डॉग्स की सहायता ली थी. एसईएल ने कुत्तों को खाना खिलाने के लिए अपनी बाउंड्री के पास स्थानीय प्रशासन की जमीन पर तीन जगह चिन्हित की हैं. इनमें से एक जगह को कोर्ट ने मंजूरी दे दी है और बाकी दो को रिजेक्ट कर दिया है. जिन दो जगहों को रिजेक्ट किया गया है उनमें से एक सर्विस रोड के पास है और दूसरी एक स्कूल के, इसलिए इन दोनों जगहों को कोर्ट ने मंजूरी नहीं दी है. कोर्ट ने दोनों पक्षों से अपील की है कि कुत्तों को खाना खिलाने के लिए अलग जगह चिन्हित करें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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