आज का दिनः शुक्रवार,3 मार्च 2023, रोगमुक्त दीर्घायु के लिए आमलकी एकादशी!

आज का दिनः शुक्रवार,3 मार्च 2023, रोगमुक्त दीर्घायु के लिए आमलकी एकादशी!

प्रेषित समय :20:37:12 PM / Thu, Mar 2nd, 2023

- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी  
* आमलकी एकादशी शुक्रवार, 3 मार्च 2023 को
* पारण का समय - 06:52 से 09:13, 4 मार्च 2023 को
* पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 11:43, 4 मार्च 2023 को
* एकादशी तिथि प्रारम्भ - 2 मार्च 2023 को 06:39 बजे
* एकादशी तिथि समाप्त - 3 मार्च 2023 को 09:11 बजे

* रोगमुक्त जीवन और दीर्घायु के लिए आमलकी एकादशी का विशेष महत्व है.
* इस एकादशी पर भगवान श्रीविष्णु की पूजा-अर्चना और व्रत से स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलता है.
* आमलकी मतलब... आंवला को धर्मशास्त्रों में उसी प्रकार श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है जैसा नदियों में गंगा को प्राप्त है! 
* आंवले को भगवान श्रीविष्णु ने आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया है और इसके हर हिस्से में ईश्वर का वास माना गया है. 
* धर्मग्रथों के अनुसार जो श्रद्धालु स्वर्ग और मोक्ष प्राप्ति की कामना रखते हैं उनके लिए आमलकी एकादशी श्रेष्ठ है.
* विष्णुदेव की आराधना के लिए नियमित रूप से किए जाने वाले व्रतों में एकादशी का सर्वाधिक महत्व है.
* भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए यह व्रत किया जाता है.
* एक वर्ष में कुल चौबीस एकादशी होती है, लेकिन जिस वर्ष अधिक मास होता है उस वर्ष कुल छब्बीस एकादशी होती है.
* सभी एकादशी अलग-अलग नामों से जानी जाती है तथा इनका अलग-अलग महत्व भी होता है.
* एकादशी व्रत के दिन भोजन नहीं किया जाता है, चाहे तो फलाहार ग्रहण कर सकते हैं.
* प्रात: पवित्र स्नान के बाद देव पूजा करनी चाहिए और दिन भर यथा सम्भव- ऊँ नमो नारायणाय, का जाप करना चाहिए.
* एकादशी व्रत करने से मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर होते हैं.
* कम-से-कम एक वर्ष पूरा होने पर एकादशी व्रत का उद्यापन करना चाहिए.
* जीवन में भोग और मोक्ष की एक साथ प्राप्ति के लिए श्रीविष्णु आराधना श्रेष्ठ है. 
तिथि को लेकर भ्रमित नहीं हों, विवेक से निर्णय करें...
* तिथि को लेकर अक्सर लोग परेशान हो जाते हैं क्योंकि एक तो तिथि शुरू होने और समाप्त होने का कोई निश्चित समय नहीं होता है तो दूसरा तिथियों में कमी-बढ़ोतरी होती रहती हैं. कौन सी तिथि मानी जाए, खासकर व्रत-त्योहार को लेकर, इस पर मतैक्य नहीं रहता है!
* देश में कम-से-कम दो अलग तरह के पंचांग प्रचलन में हैं जिनमें महीने के सापेक्ष एक पक्ष तो कॉमन रहता है लेकिन दूसरे पक्ष का महीना अलग अलग रहता है. एक पंचांग का महीना अमावस समाप्त होने के बाद शुरू होता है तो दूसरे पंचांग का वही महीना पूर्णिमा समाप्त होने के बाद शुरू होता है.
* तिथियों में, कोई सूर्योदय के समय जो तिथि प्रभावी हो उसे मानता है तो कोई दिनभर में जो तिथि प्रभावी हो उसे मानता है.
* कौन सी तिथि पर व्रत पूजा की जाए? इसे लेकर विवेक से कार्य करना बेहतर है!
* प्रदोष जैसे व्रत में, जहां रात्रि के समय का महत्व है, के लिए प्रदोष काल की प्रभावी तिथि को महत्व दिया जाना चाहिए तो दिन में की  जाने वाली पूजा के लिए दिन में प्रभावी तिथि को महत्व देना चाहिए. 
* तिथियों की समय की गणित के चलते कई बार एकादशी व्रत दो दिन तक चलता है. 
* तिथि का मूल उद्देश्य उस व्रत-पूजा काल की गणना के सापेक्ष कार्य करना है इसलिए तिथि को लेकर ज्यादा भ्रम नहीं पालें, सच्चे मन से किए गए व्रत-पूजन में तिथि अंश भी मिल जाए तो व्रत-पूजा सार्थक है! 
* वैसे तिथि निर्धारण में स्थानीय धर्मगुरु और कुल परंपराओं के अनुरूप निर्णय लेना उत्तम रहता है! 
* कामयाबी के लिए नियमित रूप से विष्णुदेव की पूजा करें-
अच्युतम केशवम रामनारायणम, कृष्ण दामोदरम् वासुदेवम् हरे.
श्रीधरम् माधवम् गोपिकावल्लभम, जानकी नायकम श्रीरामचन्द्रम् भजे।।

श्री त्रिपुरा सुंदरी पंचांग- 3 मार्च 2023
* आमलकी एकादशी, नरसिंह द्वादशी, भद्रा, सर्वार्थ सिद्धि योग
* शक संवत 1944, विक्रम संवत 2079, मास- पूर्णिमांत फाल्गुन, मास अमांत फाल्गुन
* तिथि एकादशी- 09:14:15 तक, नक्षत्र पुनर्वसु- 15:44:10 तक, करण विष्टि- 09:14:15 तक, बव- 22:30:59 तक, पक्ष शुक्ल, योग सौभाग्य- 18:43:44 तक, वार शुक्रवार
* शुभ मुहूर्त अभिजीत- 12:21 से 13:08
* राहुकाल- 11:16 से 12:44
* दिशाशूल- पश्चिम
* ताराबल- भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती
* चन्द्र राशि मिथुन - 08:58 तक
* उत्तम चन्द्रबल, 08:58 तक- मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर
* वृश्चिक राशि में जन्मे लोगो के लिए अष्टम चन्द्र, 08:58 तक
-शुक्रवार का चौघडिय़ा-
दिन का चौघडिय़ा      रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- चर                    पहला- रोग
दूसरा- लाभ                  दूसरा- काल
तीसरा- अमृत              तीसरा- लाभ
चौथा- काल                  चौथा- उद्वेग
पांचवां- शुभ                 पांचवां- शुभ
छठा- रोग                    छठा- अमृत
सातवां- उद्वेग                सातवां- चर
आठवां- चर                  आठवां- रोग
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 
- आज का राशिफल -
मेष राशि:- अपनी दिनचर्या में बदलाव लाये.यश कीर्ति में वृद्धि के साथ ही कारोबार में लाभ बढ़ेगा. संतान पर ध्यान रखने के साथ ही अपने व्यवहार में नम्रता लाने की आवश्यक है. वाहन सुख मिलेगा.

वृष राशि:- दिन की शुरुआत शुभ संकल्पों से होगी. नए कारोबार में लाभ की संभावना कम है. कॅरियर में निराश न हों, समय बदलेगा. नए आवास के योग भी बन रहे हैं. माता पिता के स्वास्थ्य में लाभ होगा.

मिथुन राशि:- आज धनागमन सहज होने से लाभ होगा, स्वास्थ्य ठीक रहेगा. कारोबार में विवाद शांत होंगे. समय बदलेगा. वाहन खरीदने के योग के बीच काम करने के तरीको में सुधार की जरूरत है.

कर्क राशि:- लाभ के अवसरों के बीच कार्यस्थल पर स्थिति आप के पक्ष में बनेगी. साथ ही नौकरी में विवाद शांत होंगे. परिवार में बुजुर्गो को स्वास्थ्य समस्या बढ़ेगी. घर पर शांति बनाए रखें.

सिंह राशि:- दूसरों के निजी मामलों में बोलना बंद करें. अपने पराये में फर्क समझें. ‍दिनचर्या नियंत्रित रखते हुए कुछ भी बोलने से पहले विचार करें. किसी दूर के मित्र से मुलाकात फायदेमंद साबित होगी.

कन्या राशि:- वाणी पर नियंत्रण रखने के चलते शत्रु भी प्रशंसा करेंगे.मान-प्रतिष्ठा बढ़ने के साथ ही न्याय पक्ष उत्तम रहेगा. बाहरी विवादों का असर परिवार पर न होने दें. वैवाहिक जीवन में शांति रहेगी.

तुला राशि:- लाभ के अवसर के बीच कार्यस्थल का वातावरण पक्ष में होगा. सोच के अलग कार्य होने से परेशानी बढ़ सकती हे. विवादों में मौन ही लाभदायक होगा. अपने से बड़ों का आदर करें.

वृश्चिक राशि:- नौकरी में अशांति का वातावरण बनने की संभावना के बीच धोखा होने की आशंका है. स्वास्थ्य कमजोर रहेगा. फिजूल खर्च बढ़ेंगे. पुराने रोग उभरने की संभावना है.

धनु राशि:- इष्ट बल पर मजबूत के चलते आर्थिक निवेश से लाभ के आसार हैं. लेकिन दिन चिंताजनक व्यतीत होने से मानसिक पीड़ा हावी रहेगी. सन्तान के स्वास्थ में सुधार होगा.

मकर राशि:- दिन की शुरुआत आनंददायक रहेगी. पुराने मित्र से मुलाकात से लाभ के योग के बीच शत्रु परास्त होंगे. यात्रा के योग हैं. श्वांस से सम्बंधित रोग से ग्रसित रह सकते हैं.

कुम्भ राशि:- स्वयं के व्यवहार में बदलाव के चलते लाभ के अवसर बढ़ेगें. समय के साथ अपने आचार विचार में बदलाव करना पड़ेगा.सुख शांति चाहते हैं तो व्यवहार में बदलाव लाएं.

मीन राशि:- अपने आप पर विश्वास रखें न कि दूसरो के भरोसे रहें. स्वास्थ्य ठीक होगा, लेकिन व्यय बढ़ेंगे. ध्यान रहे आलस्य से बड़ा कोई शत्रु नहीं है. अत: सजग रहे व सतर्क रहें.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453   
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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