आज का दिनः मंगलवार, 14 मार्च 2023, जीवन में खुशियों के लिए बाल स्वरूप श्रीकृष्ण की पूजा करें...

आज का दिनः मंगलवार, 14 मार्च 2023, जीवन में खुशियों के लिए बाल स्वरूप श्रीकृष्ण की पूजा करें...

प्रेषित समय :20:45:59 PM / Mon, Mar 13th, 2023

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी

* मासिक कृष्ण जन्माष्टमी.... 00:17 से 01:05, 15 मार्च 2023
* कृष्ण अष्टमी प्रारम्भ - 20:22, 14 मार्च 2023
* कृष्ण अष्टमी समाप्त - 18:45, 15 मार्च 2023
श्रीकृष्ण के भक्त प्रत्येक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मासिक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाते हैं, श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर बच्चों को श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप  में सजाया-संवारा जाता है. जीवन में विविध उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए श्रीकृष्ण के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है, इसी क्रम में जीवन में खुशियों के लिए बाल स्वरूप श्रीकृष्ण की पूजा करें!
धर्मधारणा के अनुसार... जीवन में सांसारिक समस्याओं से मुक्ति चाहिए तो श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना सर्वोत्तम है. जीवन में अलग-अलग तरह की समस्याओं... परेशानियों से मुक्ति के लिए श्रीविष्णु के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है...
* श्रीहरि के नाम जाप से पाप मुक्ति मिलती है.
* प्रजापति के नाम जाप से मंगल कार्य सम्पन्न हो जाते हैं.
* चक्रधर की आराधना से विजय प्राप्त होती है.
* त्रिविक्रम के स्मरण से उद्देश्यपूर्ण यात्राएं सफल होती हैं.
* श्रीविष्णु के नाम जाप से औषधि का प्रभाव बढ़ जाता है.
* दामोदर के स्मरण से बंधन-मुक्ति मिलती है.
* नृसिंह का नाम शत्रुओं के षड्यंत्र से रक्षा करता है.
* ऋषिकेश का नाम भयमुक्त करता है. 
* श्रीराम पूजन विजय देने वाला है.
* वासुदेव का स्मरण प्राकृतिक प्रकोपों से बचाता है.
* सर्वेश्वर का स्मरण सार्वजनिक जीवन में सफलता प्रदान करता है.
* बलभद्र का नाम जाप निर्विघ्न कार्य सिद्धि प्रदाता है.
श्रीविष्णु के विविध स्वरूपों की नामावली का प्रतिदिन प्रात: स्मरण करने से कामयाबी के रास्ते खुल जाते हैं...
अच्युतं, केशवं, राम, नारायणं, कृष्ण, दामोदरं, वासुदेवं हरे.
श्रीधरं, माधवं, गोपिका वल्लभं, जानकी नायकं श्री रामचन्द्रं भजे।।

शीतला माता देती हैं जीवन में सुख-शांति! 

* शीतला सप्तमी.... मंगलवार, 14 मार्च 2023 को
* शीतला सप्तमी पूजा मुहूर्त - 06:43 से 18:41
* शीतला अष्टमी.... बुधवार, 15 मार्च 2023 को
* सप्तमी तिथि प्रारम्भ - 13 मार्च 2023 को 21:27 बजे
* सप्तमी तिथि समाप्त - 14 मार्च 2023 को 20:22 बजे
* शीतला माता की पूजा कुछ क्षेत्रों सप्तमी पर तो कुछ क्षेत्रों में अष्टमी पर होती है लेकिन दोनों का ही उद्देश्य जीवन में सुख-शांति की कामना है! 
* वैसे तो देश के हर क्षेत्र में शीतला माता के मंदिर हैं, लेकिन गुड़गांव का शीतला माता मंदिर विख्यात है जहां नवरात्रि के अवसर पर तो भक्तों की भारी भीड़ रहती है. 
* देश के कोने-कोन से श्रद्धालु यहां मन्नत मांगने आते हैं. शीतला माता का यह मंदिर देश भर के श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है.
* यहां प्रतिवर्ष दो बार एक-एक महीने का मेला लगता है. शीतला माता मंदिर महाभारत काल से जुड़ा है. 
* तब से अब तक गुड़गांव में भारतवंशियों के कुलगुरु कृपाचार्य की पत्नी गुरुमां... शीतला देवी की पूजा-अर्चना होती है. तकरीबन पांच सौ वर्षों से यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. 
* ऐसा माना जाता है कि यहां पूजा-अर्चना-मानता से माता के प्रकोप से शांति मिलती है. 
* गुड़गांव का शीतला माता मंदिर मुख्य बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के पास ही है.
कांपता है काल जिनसे...वो हैं काल भैरव!
* जिस दिन भगवान शिव भैरव के रूप में प्रकट हुए थे, उसे कालभैरव जयन्ती कहा जाता है. कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान इसे मनाया जाता है. इसलिए हर कृष्ण पक्ष की अष्टमी, कालाष्टमी कहलाती है. 
* इस दिन काल भैरव का दर्शन-पूजन सर्व मनोकामना पूर्ण करता है. इस दिन प्रातः पवित्र नदी-सरोवर में स्नान के बाद  पितरों का श्राद्ध-तर्पण करके भैरव पूजा-व्रत करने से तमाम विघ्न समाप्त हो जाते हैं, दीर्घायु प्राप्त होती है.
* देवी भक्त कालाष्टमी के दिन काल भैरव के साथ-साथ देवी कालिका की पूजा-अर्चना-व्रत भी करते हैं. भैरव पूजा-आराधना करने से परिवार में सुख-समृद्धि के साथ-साथ स्वास्थ्य रक्षा और अकाल मौत से सुरक्षा भी होती है. 
* कालभैरव अष्टमी पर भैरव के दर्शन-पूजन मात्र से अशुभ कर्मों से मुक्ति  मिलती है, क्रूर ग्रहों के कुप्रभाव से छुटकारा मिलता है. 
* भोलेनाथ के भैरव स्वरूप की पूजा, उपासना करने वाले शिवभक्तों को भैरवनाथ की पूजा करके अर्घ्य देना चाहिए. 
* रात्रि जागरण करके शिव-पार्वती की कथा और भजन-कीर्तन करना चाहिए. भैरव कथा का श्रवण और आरती करनी चाहिए. 
* भगवान भैरवनाथ की प्रसन्नता के लिए उनके वाहन श्वान- कुत्ते को भोजन कराना चाहिए. 
* इस दिन प्रातः पवित्र नदी-सरोवर में स्नान करके  पितरों का श्राद्ध-तर्पण करके भैरव-पूजा-व्रत करने से सारे विघ्न समाप्त हो जाते हैं. 
* अकाल मृत्यु से रक्षा होकर दीर्घायु प्राप्त होती है.

श्री त्रिपुरा सुंदरी पंचांग- 14 मार्च 2023

* शीतला सप्तमी, कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, विंछुड़ो,रवि योग
* शक संवत 1944, विक्रम संवत 2080, मास- पूर्णिमांत चैत्र, मास- अमांत फाल्गुन
* तिथि सप्तमी- 20:25:04 तक, नक्षत्र अनुराधा- 08:13:28 तक, करण विष्टि- 09:01:34 तक, बव- 20:25:04 तक, पक्ष कृष्ण, योग वज्र- 15:12:24 तक, वार मंगलवार
* शुभ मुहूर्त अभिजीत- 12:18 से 13:06
* राहुकाल- 15:41 से 17:11
* दिशाशूल- उत्तर
* ताराबल- अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती
* चन्द्र राशि वृश्चिक
* उत्तम चन्द्रबल- वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ
* मेष राशि में जन्मे लोगो के लिए अष्टम चन्द्र

मंगलवार का चौघड़िया-

दिन का चौघड़िया                  रात्रि का चौघड़िया
पहला- रोग                             पहला- काल
दूसरा- उद्वेग                           दूसरा- लाभ
तीसरा- चर                            तीसरा- उद्वेग
चौथा- लाभ                             चौथा- शुभ
पांचवां- अमृत                       पांचवां- अमृत
छठा- काल                             छठा- चर
सातवां- शुभ                          सातवां- रोग
आठवां- रोग                           आठवां- काल
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!

- आज का राशिफल -  

मेष राशि:- कार्यस्‍थल पर सुधार व परिवर्तन हो सकता है.व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे. नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा. सुख के साधनों की प्राप्ति की कोशिशें कामयाब रहेंगी. नए काम हाथ में आएंगे. धन प्राप्ति सुगम होगी. निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें. स्वास्‍थ्य का ध्यान रखें.

वृष राशि:- धर्म-कर्म में रुचि रहेगी. सत्संग का लाभ मिलेगा. नए मित्र बनेंगे. कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे. लाभ के अवसर अवसर बढ़ेंगे. समस्याएं कम होंगी. मान-सम्मान मिलेगा. मित्र व रिश्तेदारों से संबंध सुधरेंगे. बुद्धि का प्रयोग करें. व्यापार-व्यवसाय व नौकरी से अनुकूलता बनी रहेगी.

मिथुन राशि:- चोट व दुर्घटना से हानि की आशंका बनती है. आशंका-कुशंका के चलते कार्य प्रभावित होंगे. स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा. विवाद को बढ़ावा न दें. झंझटों से दूर रहें. कीमती वस्तुएं संभालकर रखें. आर्थिक परेशानी आ सकती है. आय में निश्चितता रहेगी. जोखिम न लें.

कर्क राशि:- प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी. कोर्ट व कचहरी के कामों की रुकावट दूर होगी. स्थिति मनोनुकूल रहेगी. कारोबार में लाभ वृद्धि होगी. नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे. घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी. निवेश में लाभ होगा. घर में सभी सदस्य आनंदपूर्वक रहेंगे. दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें.

सिंह राशि:- भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी. कोई बड़ा सौदा बड़ा लाभ दे सकता है. व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा. नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा. बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे. किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होगा. जल्दबाजी न करें.

कन्या राशि:- विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा. किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा. यात्रा मनोरंजक रहेगी. कारोबार से लाभ होगा. उत्साह व प्रसन्नता रहेगी

तुला राशि:- वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें. अकारण क्रोध व उत्तेजना रह सकते हैं. बेवजह किसी से विवाद हो सकता है. बुरी खबर मिल सकती है. स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा. काम में मन नहीं लगेगा. मन में संवेदनशीलता अधिक रहेगी. आय में निश्चितता रहेगी. भागदौड़ रहेगी. जोखिम न उठाएं.

वृश्चिक राशि:- मेहनत का पूरा-पूरा फल मिलेगा. काम में उत्साह व प्रसन्नता से ध्यान दे पाएंगे. वाद-विवाद से अपना पक्ष मजबूत कर पाएंगे. मित्रों का सहयोग कर पाएंगे. सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा. नौकरी में प्रभाव क्षेत्र बढ़ेगा. निवेश में जल्दबाजी न करें.

धनु राशि:- चोट व रोग से बचें. जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा. उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी. भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी. आत्मसम्मान बना रहेगा. जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे. आय में वृद्धि होगी. नए मित्र बनेंगे. जीवन सुखमय व्यतीत होगा. प्रसन्नता बनी रहेगी.

मकर राशि:- रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे. भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी. व्यापार-व्यापार अच्‍छा चलेगा. निवेश शुभ रहेगा. नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं. व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी. प्रसन्नता तथा उत्साह में वृद्धि होगी. जोखिम न लें. प्रमाद से बचें.

कुम्भ राशि:- फालतू खर्च होगा. लाभ के अवसर टलेंगे. दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं. चोट व रोग से बचें. जोखिम व जमानत के कार्य टालें. कीमती वस्तुएं संभालकर रखें. किसी व्यक्ति से व्यर्थ में विवाद हो सकता है. सम्मान को ठेस पहुंच सकती है. व्यवसाय ठीक चलेगा.

मीन राशि:- व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी. रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है. कारोबार में वृद्धि के योग हैं. नौकरी में अमन-चैन रहेगा. अधिकारी प्रसन्न रहेंगे.

* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 9131366453 
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

आज का दिनः सोमवार, 13 मार्च 2023, शीतला माता देती हैं जीवन में सुख-शांति!

आज का दिनः रविवार, 12 मार्च 2023, जीवन में खुशी के रंगों के लिए अपने इष्टदेव के संग मनाएं रंग पंचमी!

आज का दिनः शनिवार, 11 मार्च 2023, श्रीगणेश की शुभदृष्टि से नष्ट होते हैं कष्ट!

Leave a Reply