जयपुर. राजस्थान की गहलोत सरकार और निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स के बीच गतिरोध बढ़ता ही जा रही है. गहलोत सरकार के राइट टू हेल्थ कानून के विरोधी में निजी डॉक्टर्स सड़कों पर उतरे हुए हैं. राइट टू हेल्थ बिल के 21 मार्च को विधानसभा से पारित होने के बाद से डॉक्टर्स कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं. वहीं निजी अस्पतालों के विरोध में आज सोमवार को जयपुर में डॉक्टरों का एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन देखा जा रहा है, जहां सैकड़ों की संख्या में प्रदेश के विभिन्न इलाकों से डॉक्टर जयपुर पहुंचे और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के बाहर से पैदल मार्च निकाला.
गौरतलब है कि राइट टू हेलथ बिल के विरोध में राज्य के डॉक्टरों को अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का भी समर्थन मिला है, जहां आईएमए ने आज काला दिवस मनाने का ऐलान किया है. वहीं आईएमए ने देशव्यापी मेडिकल सेवाएं बंद करने का आह्वान किया है. बताया जा रहा है कि राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टर हड़ताल कर रहे है. वहीं मंत्री स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा और सीएम अशोक गहलोत ने डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने की अपील की है, लेकिन हर तरह की अपील बेअसर दिखाई दे रही है. इधर सोमवार को आठवें दिन निजी अस्पतालों के बंद रहने से राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं और सरकारी अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं.
वहीं इससे पहले रविवार को डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल को सरकार ने वार्ता के लिए बुलाया थाए जहां मुख्य सचिव उषा शर्मा के साथ डॉक्टरों की बैठक हुई, जो फेल रही और डॉक्टर बिल वापस लेने की मांग पर अड़े रहे. वहीं सीएम अशोक गहलोत ने रविवार को डॉक्टरों से अपील कर हड़ताल खत्म करने को कहा. वहीं विरोध को देखते हुए अब बताया जा रहा है कि सरकार सख्त एक्शन भी ले सकती है. जानकारी के अनुसार सरकार ने प्रदेशभर के प्राइवेट हॉस्पिटल्स की पूरी जानकारी विभाग से मांगी है, जिसमें नियमों का पालन नहीं करने वाले हॉस्पिटल्स की जानकारी जुटाई जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-#चौथी_बार_अशोक_सरकार ! तो.... चुनाव राजस्थान का गौरव बनाम गुजरात का गौरव हो जाएगा?
राजस्थान में भड़काऊ बयान देने के आरोप में धीरेंद्र शास्त्री और देवकीनंदन ठाकुर के खिलाफ मामला दर्ज
राजस्थान में बड़ी सियासी चतुराई से बीजेपी ने ब्राह्मण मुख्यमंत्री की संभावना समाप्त कर दी है?
Leave a Reply