बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- आवारा कुत्ते भी जीवित प्राणी, देखभाल करनी होगी, यह है पूरा मामला

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- आवारा कुत्ते भी जीवित प्राणी, देखभाल करनी होगी, यह है पूरा मामला

प्रेषित समय :19:33:28 PM / Tue, Mar 28th, 2023

मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्तों से नफरत करना या उनके साथ क्रूर व्यवहार करना सभ्य समाज के व्यक्तियों से स्वीकार्य नहीं है. हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी उस याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जिसमें एक महिला ने दावा किया है कि उसे रिहायशी सोसाइटी में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से रोका जा रहा है. अदालत ने सोसाइटी से सौहार्दपूर्ण तरीके से मुद्दे का हल करने को कहा है.

न्यायमूर्ति जी. एस. कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आर. एन. लड्ढा की खंडपीठ ने मंगलवार को हाईकोर्ट भवन परिसर में कई आवारा कुत्तों और बिल्लियों की देखभाल करने वाले वकीलों और न्यायाधीशों का उदाहरण भी दिया है. न्यायमूर्ति कुलकर्णी ने कहा, ये जानवर भी जीवित प्राणी हैं और हमारे समाज का हिस्सा हैंज् हमें इनकी देखभाल करनी होगी. पीठ पारोमिता पुरथन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. उन्होंने अपनी याचिका पर में दावा किया है कि वह पशु प्रेमी हैं और उपनगरीय कांदिवली में अपनी सोसाइटी में 18 आवारा कुत्तों की देखभाल करती हैं, लेकिन उन्हें कुत्तों को खाना खिलाने से रोका जा रहा है और इस वास्ते अलग स्थान भी नहीं दिया जा रहा है.

याचिकाकर्ता का दावा है कि सोसायटी प्रबंधन ने उन्हें रोकने के लिए बाउंसर लगाने का भी निर्देश जारी किया है. अदालत ने सोमवार के अपने आदेश में कहा, हम प्रबंध समिति के सदस्यों और समाज के अन्य सदस्यों को चेतावनी देना चाहते हैं कि आवारा कुत्तों से नफरत करना या उनके साथ क्रूरता का व्यवहार करना, सभ्य समाज के व्यक्तियों का अच्छा रवैया नहीं हो सकता है और ऐसे जानवरों के प्रति क्रूरता संवैधानिक लोकाचार और वैधानिक प्रावधानों के खिलाफ होगी.

मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए, आवासीय सोसायटी ने पीठ को सूचित किया कि उसने किसी भी बाउंसर को नहीं रखा है, जैसा कि याचिका में आरोप लगाया गया है. अदालत ने सोसायटी प्रबंधन और याचिकाकर्ता को मुद्दे का सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने और आवारा पशुओं को खिलाने के लिए एक निर्दिष्ट स्थान देने पर विचार करने का निर्देश दिया. इसके बाद मामले को आगे की सुनवाई के लिए छह अप्रैल को सूचीबद्ध कर दिया. पीठ ने कहा कि तब तक याचिकाकर्ता सोसाइटी की पार्किंग में कुत्तों को खाना खिलाना जारी रख सकती हैं.

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