जबलपुर. दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के कटनी-बिलासपुर रेलखंड के सिंहपुर में हुआ भीषण हादसे में जो प्रारंभिक जानकारी सामने आयी है, उसके मुताबिक लोको पायलट राजेंद्र प्रसाद गुप्ता और सहायक लोको पायलट ऋतुराज सिंह लगातार 15 घंटे से ड्यूटी पर थे, जिससे वे काफी थकान में पहुंच चुके थे, जिससे यह हादसा हुआ है. इस बात की जानकारी सामने आते ही पश्चिम मध्य रेलवे का जबलपुर रेल मंडल प्रशासन भी सतर्क हो गया है और उसने स्टाफ के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि ऐसी व्यवस्था बनाएं, जिससे रनिंग स्टाफ (क्रू) की ड्यूटी के ओवर ऑवर्स नहीं हों.
जबलपुर मंडल रेल प्रशासन ने जारी किये हैं यह निर्देश
- किसी भी क्रू का साइन ऑन से व्हील स्टॉप की अधिकतम सीमा 12 घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिये.
- किसी भी क्रू के साइन ऑन से 10 घंटे होते ही खण्ड नियंत्रक, उप मुख्य नियंत्रक (गुडस) एवं क्रू कट्रोल को यह स्पष्ट करेगा कि वह अगले 2 घंटे के भीतर इस गाड़ी के क्रू को Crew चेजिंग पाइंट तक पहुंचा पा रहा है अथवा नहीं. यदि नहीं, तो इस गाड़ी को किस स्टेशन पर सुनियोजित तरीके से स्टेबिल किया जा रहा है. दोनों ही स्थिति में क्रू के घंटे 12 से अधिक नहीं होना चाहिये.
- सागर-शहडोल-सागर खण्ड में चलने वाली क्रैक गाडिय़ों के किसी भी दिशा में न्यू कटनी जंक्शन (एनकेजे) पहुंचने से पहले 6 घंटे वर्किंग हो जाने पर क्रू को एनकेजे में चेंज करा दिया जायेगा.
- नकज से सिगरौली खण्ड में चलने वाली गाडियों के क्रू के कार्य के घंटे 11 से अधिक हो जाते है तो क्रू को बरगवा स्टेशन पर ही रिलीव कर दिया जायेगा.
- हर संभव प्रयास किया जायेगा कि सामान्यत: पीडीडी 2 घंटे से कम हो एवं जब तक कि किसी अधिकारी की पूर्वानुमति न हो 3 घंटे से ऊपर की पीडीडी पर गाड़ी को नही चलाया जायेगा.
- नकज, सागर एवं सतना में तीनों कार्यपाली में आवश्यकतानुसार 2-2 शटलिंग क्रू रखे जायेंगे, इसी प्रकार से जबलपुर में प्रति कार्यपाली में 1 शटलिंग क्रू रखा जायेगा.
- प्रत्येक इंटरचेंज पाइंट पर यह सुनिश्चित किया जाये कि मंडल में आने वाली गाड़ी क्रू ओवर ऑवर्स से न हो और इसके लिये यथासंभव प्रयास किये जाये कि इंटरचेंज पाइट पर गाडिय़ों को बिना किसी विलम्बन के रिसीव किया जाये.
- ऐसे सभी प्रकरण जिसमें क्रू को खण्ड में ही रिलीव किया जा रहा है, रिलीव किये गये क्रू को गाड़ी चलने की दिशा में अगले रनिंग रूम/ मुख्यालय में ही विश्राम करने हेतु भेजा जायेगा. इसका अपवाद सिर्फ क्रू कंट्रोल की अनुमति से ही किया जा सके.
-ऐसी सभी लोडेड गुड्स गाडियां जिसमें बीएमबीएस के 50 प्रतिशत से अधिक गाडी हो तब ऐसी स्थिति में गाड़ी को बिना गार्ड के नहीं चलाया जायेगा.
-सभी खण्ड नियंत्रक इस बात का विशेष ध्यान रखेंगे कि क्रू का अपव्यय बिलकुल नहो तथा स्पेयर वर्किंग के बावजूद भी साइन आन से साइन ऑफ नियम समय के भीतर हो जायें.
-सहायक परिवहन प्रबंधक (माल) एवं सहायक विद्युत अभियंता (टीआरओ) प्रतिदिन संयुक्त रूप से साइन ऑन से व्हील स्टॉप तक 12 घंटे एवं 3 घंटे से अधिक पीडीडी की पोजीशन का विश्लेषण कर वरि मंडल विद्युत अभि (टीआरओ) एवं वरि मंडल परिचालन प्रबंधक को प्रस्तुत करेंगे.
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