बेंगलुरु. कर्नाटक में 10 मई को मतदान होना है और इससे पहले सियासी घमासान जारी है. भाजपा के बाद अब कांग्रेस ने भी अपना घोषणा-पत्र जारी कर दिया है. पार्टी ने सबसे बड़ा वादा यह किया है कि सरकार बनने पर पीएफआई के साथ ही बजरंग दल पर बैन लगा दिया जाएगा. इस वादे से बवाल मच सकता है. इसे कांग्रेस की मुस्लिम वोटों को लुभाने की कवायद बताया जा रहा है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, कांग्रेस द्वारा आज जारी किया गया घोषणापत्र दर्शाता है कि यह पूर्ण रूप से मुस्लिम कट्टरपंथियों का घोषणापत्र है. अगर जिन्ना जिंदा होते तो भी ऐसा घोषणापत्र नहीं बनाते. कांग्रेस एक मुस्लिम कट्टरपंथी पार्टी बन गई है. हमारे गृह मंत्री ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया था और अब कांग्रेस कह रही है कि वे बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाएंगे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक रैली में कहा, भाजपा की यह सरकार चोरी की सरकार है. भाजपा ने 3 साल पहले लोकतंत्र को नष्ट कर इसे चुरा लिया. पीएम मोदी इस सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के बारे में क्यों नहीं बोल रहे हैं? उन्हें बताना चाहिए कि कर्नाटक में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं.
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने बजरंग दल पर बैन लगाने के कांग्रेस के वादे पर प्रतिक्रिया दी है. वीएचपी के डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस ने आज बजरंग दल की तुलना देशद्रोही और प्रतिबंधित पीएफआई से कर दी. देश की जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी. बजरंग दल इस चुनौती को स्वीकार करता है और सभी लोकतांत्रिक तरीकों से इसका जवाब देगा.
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खडग़े ने बेंगलुरु के एक होटल में पार्टी का घोषणा-पत्र जारी किया. उनके साथ राज्य कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार और पूर्व सीएम सिद्धारमैया भी मौजूद रहे. कांग्रेस के प्रमुख वादों में बेरोजगार युवाओं के लिए भत्ता, महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का विकास और बजरंग दल और पीएफआई पर प्रतिबंध शामिल हैं. कांग्रेस ने रात की ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों के लिए 5,000 रुपए प्रति माह के विशेष भत्ते की घोषणा की है.
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