दिल्ली. जातीय जनगणना मामले में बिहार सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. पटना हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. बिहार सरकार लगातार राज्य में जातीय जनगणना को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताती रही है. मामला 14 जुलाई के लिए सूचीबद्ध है. इससे पहले के न्यायाधीश संजय करोल ने बिहार सरकार की ओर से दाखिल उस याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. जिसमें राज्य में उसके बिहार सरकार द्वारा की जा रही जातीय जनगणना पर रोक लगाने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी.
पटना हाईकोर्ट के चार मई के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में दायर याचिका में बिहार सरकार ने कहा था कि जातीय जनगणना पर रोक से पूरी कवायद पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. राज्य सरकार ने यह भी कहा था कि जाति आधारित डेटा का संग्रह अनुच्छेद 15 व 16 के तहत एक संवैधानिक जनादेश है. संविधान का अनुच्छेद 15 कहता कि राज्य धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के भी आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं करेगा. वहीं अनुच्छेद 16 कहता है कि राज्य सरकार के अधीन किसी भी कार्यालय में नियोजन या नियुक्ति के संबंध में सभी नागरिकों के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बीच हवा में दिल्ली-सिडनी एयर इंडिया की फ्लाइट ने खाए झटके, कई यात्री हुए घायल
दिल्ली रवाना होने से पहले बोले DK शिवकुमार- मैं पीठ में छुरा नहीं घोपूंगा
आईपीएल: प्रभसिमरन के उम्दा बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजी में बराड़ के कहर से जीती दिल्ली
Leave a Reply