नई दिल्ली. भारतीय कुश्ती संघ (डबलूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृज भूषण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों की परेशानी और बढ़ सकती है. दिल्ली पुलिस के टॉप सूत्रों के मुताबिक पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में अब तक पुलिस को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सहायक सबूत नहीं मिले हैं.
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस 15 दिनों के भीतर मामले पर अपनी अंतिम रिपोर्ट दाखिल करेगी. इस रिपोर्ट, चार्जशीट भी हो सकती है और अंतिम रिपोर्ट भी दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने आगे कहा कि पहलवानों के दावे को साबित करने के लिए कोई सहायक सबूत नहीं है.
नहीं मिले पुख्ता सबूत
पुलिस के मुताबिक प्राथमिकी में जोड़े गए पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012) की धाराओं में सात साल से कम के कारावास की सजा है. इसलिए जांच अधिकारीगिरफ्तारी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि बृजभूषण सिंह किसी भी तरह ना तो गवाहों को प्रभावित कर रहा है और न ही सबूत नष्ट कर रहा है. बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की है. इसमें एक एफआईआर नाबालिग से यौन शोषण को लेकर है, जिसमें पॉक्सो एक्ट लगाया गया है जबकि दूसरी एफआईआर अन्य पहलवानों की शिकायत पर दर्ज की गई है.
महिला आयोग का नोटिस
उधर, दिल्ली महिला आयोग (डीसीडबलू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाली नाबालिग पीडि़ता की पहचान उजागर करने के मामले में डीसीपी, नई दिल्ली को समन जारी किया है. दरअसल, कुछ दिनों पहले एक शख्स ने खुद को नाबालिग लड़की का चाचा बताकर उससे जुड़े कागजात प्रेस के सामने रखे थे. इसमें उस शख्स ने दावा किया था कि आरोप लगाने वाली लड़की नाबालिग नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गैर राजनीतिक नाकामयाब पहल के बाद महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खि़लाफ़ फिर शुरू किया धरना!
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