बिहार के गया जिले के मेहनतकश कृष्णा पासवान

बिहार के गया जिले के मेहनतकश कृष्णा पासवान

प्रेषित समय :20:19:09 PM / Sat, Jun 10th, 2023

अनिल मिश्र, गया. हिम्मते मर्दा मददे खुदा कुछ इस तरह के बाकया कर दिखाया है. बिहार के गया जिले के टिकारी प्रखंड के शिवनगर पंचायत के लभरा-पंचानपुर निवासी कृष्णा पासवान ने. कृष्णा पासवान एकलौता इंसान हैं जो आंख से अंधा होने के बावजूद सामाजिक बुराई के तहत आने वाले भीख मांग कर अपने जीवन यापन करने के बजाय मेहनत करके खाने में विश्वास रखतें हैं. वहीं किसी तरह के शारीरिक विकलांगता या डिप्रेशन में आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठाने से लोगों को मना करते हैं. कृष्णा पासवान राजनीतिक रुप से भी काफी परिपक्व हैं. वो अभी तक के देश के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी को मानते हैं.  

महज पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई करने वाले कृष्णा पासवान जन्म से अंधा नहीं हैं. बचपन में आंख में रोहा नामक बीमारी होने के कारण नीम-हकिम के चक्कर के कारण अपनी नेत्र ज्योति गंवाने वाले कृष्णा पासवान एक जिंदादिल इंसान हैं. आंख गंवाने के बाद इन्होंने हार नहीं मानी. आज कृष्णा अपनी मेहनत के बदौलत पंचानपुर के एक मिठाई दुकान में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं. वहीं अपनी मेहनत के बदौलत जहां अपने परिवार का अच्छे ठंग से पालन-पोषण कर रहें हैं वहीं सभी कर्मचारियों के बेहद दिल अजीज हैं. इसी कारण लोग इन्हे मुखिया जी के नाम से संबोधित करते हैं. साथ हीं अपने पारिवारिक व सामाजिक मुद्दे पर इनसे राय जरुर लेते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

अशोक गहलोत: प्राइड ऑफ राजस्थान सामाजिक सरोकार का प्रतीक है, प्रदेश की प्रतिभाओं का सम्मान करना अच्छी परंपरा है!

सामाजिक सरोकारों से जुड़ी पत्रकारिता के पुरोधा थे स्व. बालाराव इंगले, इंदौर प्रेस क्लब द्वारा परिसंवाद आयोजित

अखिलेश पर पीएम मोदी का हमला, कहा- आस्था से सरोकार न रखने वालों को अब सपने में दिखने लगे कृष्ण