नई दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) भारत की शान हुआ करते थे. इनसे युवाओं का सपना पूरा होता था, लेकिन आज के समय में सरकार की प्राथमिकता में पीएसयू नहीं है. सरकार की ओर से हर साल 2 करोड़ रोजगार का झूठा वादा करने वालों ने 2 लाख से ज्यादा नौकरियां खत्म कर दीं.
कांग्रेस ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा, संस्थानों में कॉन्ट्रैक्ट पर भर्तियों को बढ़ा कर दोगुनी कर दी गई. क्या कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी बढ़ाना आरक्षण का संवैधानिक अधिकार छीनने का तरीका नहीं है? क्या ये इन कंपनियों के प्राइवेटाइजेशन की साजिश है? देश के पीएसयू में जहां, 2014 में 16.9 लाख रोजगार वो 2022 में मात्र 14.6 लाख रह गए हैं, क्या एक प्रगतिशील देश में रोजगार घटते हैं?
उन्होंने कहा कि एक तरफ उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया जा रहा है दूसरी ओर पीएसयू से सरकारी नौकरियां साफ हो रही हैं. ये कैसा अमृतकाल है? अगर ये सच में अमृतकाल है तो नौकरियां क्यों गायब हो रही हैं? देश इस सरकार के दौर में भयंकर बेरोजगारी से के दौर से गुजर रहा है. लाखों युवाओं की उम्मीदों मात्र कुछ लोगों के फायदे के लिए कुचला जा रहा है.
इसके अलावा राहुल गांधी ने बीएसएनएल, सेल, एमटीएनएल, एसईसीएल, एफसीआई और ओएनजीसी के कुछ आंकड़े भी शेयर किए हैं जिसमें उन्होंने बताया है कि इन कंपनियों में कितने लाख रोजगार कम हुए हैं. उन्होंने कहा कि पीएसयू को अगर सरकार से समर्थन मिले तो वो खुद ही अर्थव्यवस्था और रोजगार दोनों को बढ़ाने में समर्थ हैं.
देश की संपत्ति हैं पीएसयू
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम देशवासियों की संपत्ति है. उन्हें आगे बढ़ाना है ताकि वो देश की प्रगति के रास्ते को मजबूत कर सकें. बता दें कि बेरोजगारी को लेकर राहुल गांधी पहले भी केंद्र सरकार पर हमला बोलते रहे हैं. उनका कहना है कि मौजूदा केंद्र की सरकार धीरे-धीरे सरकारी नौकरियों को खत्म कर रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली के कोचिंग सेंटर में लगी भीषण आग, तीसरी मंजिल से कूदे छात्र, कुछ तारों के सहारे नीचे आए
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