प्रदीप द्विवेदी. सत्तर के दशक में आपातकाल से पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी पर सत्तातंत्र का दुरुपयोग करने के आरोप लगे थे, लेकिन सत्तातंत्र का दुरुपयोग करने के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी, श्रीमती इंदिरा गांधी से बहुत आगे हैं, अलबत्ता बहादुरी के मामले में बहुत पीछे हैं?
कई अन्य मामलों को नजरअंदाज़ भी कर दें, तो अकेले पीएम केेयर फंड के लिए सत्तातंत्र के दुरुपयोग केे मुकाबले श्रीमती गांधी का दुरुपयोग, एक प्रतिशत भी नहीं है?
खबर है कि.... ईडी- प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा को 31 जुलाई 2023 तक अपने पद से हटने को कहा गया है, उनका कार्यकाल बढ़ाने वाले केंद्र सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया है!
अदालत का कहना है कि- हमने 2021 में ही आदेश दिया था कि मिश्रा का कार्यकाल आगे न बढ़ाया जाए, बावजूद उसके कानून लाकर उसे बढ़ाया गया, उनका कार्यकाल बढ़ाने के आदेश इस लिहाज से अवैध था, वह 31 जुलाई 2023 तक अपने पद पर रह सकते हैं, इस दौरान केंद्र सरकार नए निदेशक का चयन कर ले!
खबरों की मानें तो.... 2018 में ईडी निदेशक बने संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल 2020 में खत्म हो रहा था, परन्तु मोदी सरकार ने उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया, जिसे एनजीओ- कॉमन कॉज ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
इसके बाद 8 सितंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि- मिश्रा का विस्तारित कार्यकाल 18 नवंबर को खत्म हो रहा है, अतः अब इसमें दखल नहीं दिया जाएग, लेकिन इसके आगे उनका कार्यकाल न बढ़ाया जाए.
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को नजरअंदाज करते हुए मोदी सरकार 14 नवंबर 2021 को एक अध्यादेश ले आई, जिसके तहत ईडी निदेशक का कार्यकाल 5 साल तक बढ़ाने का इंतजाम किया गया और इसी आधार पर मिश्रा को फिर से 1 साल का कार्यकाल दे दिया गया.
इसके बाद नवंबर 2022 में यह समयावधि पूरी होने पर उन्हें एक बार और 1 साल का सेवा विस्तार दिया गया, जिसके कारण इस साल 18 नवंबर 2023 में उन्हें पद पर रहते हुए 5 साल पूरे हो रहे थे.
लेकिन.... अब अदालत के आदेश के बाद उन्हें 31 जुलाई 2023 को अपने पद से हटना होगा!
खबरें यह भी हैं कि.... कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा सहित कई याचिकाकर्ताओं ने कानून को मनमाना करार देते हुए याचिका दाखिल की जिसमें कहा गया कि- सरकार ने पहले मनमानी शक्ति खुद को लेने वाला अध्यादेश पारित किया, बाद में बिना चर्चा और वोटिंग के इस पर संसद में कानून पास कर लिया गया और इस तरह बदले हुए कानून के तहत आदेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी पलट दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी आर गवई, विक्रम नाथ और संजय करोल की बेंच ने सीबीआई से जुड़े दिल्ली पुलिस स्पेशल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट और ईडी से जुड़े सीवीसी एक्ट में बदलाव को सही करार दिया और कहा कि- बदलाव संवैधानिक तरीके से किया गया है, लेकिन मौजूदा ईडी निदेशक के सेवा विस्तार को सही नहीं ठहराया जा सकता.
अदालत ने यह भी कहा कि सीबीआई और ईडी निदेशक की नियुक्ति एक कमेटी के जरिए होती है, इसलिए उन्हें सेवा विस्तार देने का फैसला देते समय भी वैसी ही प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए!
Sujata Paul - India First (Sujata Paul Maliah) @SujataIndia1st
मोदी सरकार की आँखों का तारा संजय मिश्रा 31 जुलाई तक ही रहेंगे ईडी के निदेशक, आया उच्चतम न्यायलय का आदेश....
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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मोदी सरकार की आँखों का तारा संजय मिश्रा 31 जुलाई तक ही रहेंगे ईडी के निदेशक। आया उच्चतम न्यायलय का आदेश। #ed #sanjaykumarmishra pic.twitter.com/zi0ZXqLXlp
— Sujata Paul - India First (Sujata Paul Maliah) (@SujataIndia1st) July 11, 2023
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