- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8302755688)
* परम एकादशी- शनिवार, 12 अगस्त 2023
* पारण का समय- 06:19 एएम से 08:19 एएम, 13 अगस्त 2023
* पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 08:19 एएम
* एकादशी तिथि प्रारम्भ- 11 अगस्त 2023 को 05:06 एएम बजे
* एकादशी तिथि समाप्त- 12 अगस्त 2023 को 06:31 एएम बजे
अच्युतम केशवम रामनारायणम, कृष्ण दामोदरम् वासुदेवम् हरे.
श्रीधरम् माधवम् गोपिकावल्लभम, जानकी नायकम श्रीरामचन्द्रम् भजे..
* जीवन में कामयाबी के लिए नियमित रूप से विष्णुदेव की पूजा करें.
* धर्मग्रंथों में... जीवन में सुख के लिए एकादशी व्रत-पूजा को उत्तम मार्ग बताया है.
* जो श्रद्धालु यह व्रत रखना चाहते हैं, उन्हें दशमी को एक बार भोजन करना चाहिए.
* एकादशी के दिन पवित्र स्नानादि के पश्चात गंगा जल, तुलसी दल, तिल, फूल, पंचामृत आदि से भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए.
* इस व्रत में व्रत रखने वाले श्रद्धालु को यथासंभव बिना जल के रहना चाहिए.
* अगर व्रती श्रद्धालु चाहें तो संध्याकाल में दीपदान के पश्चात फलाहार ग्रहण कर सकते हैं.
* क्योंकि सुख के लिए यह व्रत है इसलिए यथासंभव पति-पत्नी, दोनों को व्रत रखना चाहिए.
तिथि को लेकर भ्रमित नहीं हों, विवेक से निर्णय करें...
* तिथि को लेकर अक्सर लोग परेशान हो जाते हैं क्योंकि एक तो तिथि शुरू होने और समाप्त होने का कोई निश्चित समय नहीं होता है तो दूसरा तिथियों में कमी-बढ़ोतरी होती रहती हैं. कौन सी तिथि मानी जाए, खासकर व्रत-त्योहार को लेकर, इस पर मतैक्य नहीं रहता है!
* देश में कम-से-कम दो अलग तरह के पंचांग प्रचलन में हैं जिनमें महीने के सापेक्ष एक पक्ष तो कॉमन रहता है लेकिन दूसरे पक्ष का महीना अलग अलग रहता है. एक पंचांग का महीना अमावस समाप्त होने के बाद शुरू होता है तो दूसरे पंचांग का वही महीना पूर्णिमा समाप्त होने के बाद शुरू होता है.
* तिथियों में, कोई सूर्योदय के समय जो तिथि प्रभावी हो उसे मानता है तो कोई दिनभर में जो तिथि प्रभावी हो उसे मानता है.
* कौन सी तिथि पर व्रत पूजा की जाए? इसे लेकर विवेक से कार्य करना बेहतर है!
* प्रदोष जैसे व्रत में, जहां रात्रि के समय का महत्व है, के लिए प्रदोष काल की प्रभावी तिथि को महत्व दिया जाना चाहिए तो दिन में की जाने वाली पूजा के लिए दिन में प्रभावी तिथि को महत्व देना चाहिए.
* तिथियों की समय की गणित के चलते कई बार एकादशी व्रत दो दिन तक चलता है.
* तिथि का मूल उद्देश्य उस व्रत-पूजा काल की गणना के सापेक्ष कार्य करना है इसलिए तिथि को लेकर ज्यादा भ्रम नहीं पालें, सच्चे मन से किए गए व्रत-पूजन में तिथि अंश भी मिल जाए तो व्रत-पूजा सार्थक है!
* वैसे तिथि निर्धारण में स्थानीय धर्मगुरु और कुल परंपराओं के अनुरूप निर्णय लेना उत्तम रहता है!
श्री त्रिपुरा सुंदरी पंचांग- 11 अगस्त 2023
* तिथि एकादशी, नक्षत्र मृगशिरा- 30:02:46 तक, करण बव- 17:47:25 तक, पक्ष कृष्ण, योग व्याघात- 15:04:49 तक, वार शुक्रवार
* सूर्योदय 06:06:04, सूर्यास्त 19:08:32
* चन्द्र राशि वृषभ- 16:58:47 तक, चन्द्रोदय 26:14:00, चन्द्रास्त 15:35:59
* शक सम्वत 1945, विक्रम सम्वत 2080
* मास पूर्णिमांत श्रावण, मास अमांत श्रावण
* राहुकाल 10:59:30 से 12:37:18 तक
* शुभ मुहूर्त अभिजीत 12:11:13 से 13:03:23 तक
* दिशाशूल पश्चिम
* ताराबल- भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
* चन्द्रबल- वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन
शुक्रवार का चौघडिय़ा-
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- चर पहला- रोग
दूसरा- लाभ दूसरा- काल
तीसरा- अमृत तीसरा- लाभ
चौथा- काल चौथा- उद्वेग
पांचवां- शुभ पांचवां- शुभ
छठा- रोग छठा- अमृत
सातवां- उद्वेग सातवां- चर
आठवां- चर आठवां- रोग
चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
- आज का राशिफल -
मेष राशि:- जो लोग दूसरे के लिए मांगते हैं, उन्हें कभी अपने लिए नहीं मांगना पड़ता है. माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी. किसी के बहकाने से अपने संबंध तोड़ने से बचें. पैर में चोट लग सकती है. समाज में आपका यश बढ़ेगा.
वृष राशि:- जिन लोगों का सहयोग आप ने किया था, आज वे ही आप से मुंह फेर रहे हैं. बीमारी में दवाई असर नहीं करेगी. बेहतर होगा अपना डॉक्टर बदलें या किसी योग्य व्यक्ति से सलाह लें. नए भवन में जाने के योग हैं.
मिथुन राशि:- किसी के बहकावे में आप बहुत जल्द आ जाते हैं. समय रहते जरूरी कार्य पूरे करें. निजी जीवन में दूसरों को प्रवेश न दें. पिता के व्यवहार से मन मुटाव होगा. जीवनशैली में परिवर्तन के योग है. पुरानी दुश्मनी के चलते विवाद संभव है.
कर्क राशि:- सोचे हुए कार्य समय पर होने से मन प्रसन्न रहेगा. अपने वाक् चातुर्य से सभी काम आसानी से करवा लेंगे. कार्यस्थल पर अपनी अलग पहचान स्थापित करेंगे. प्रेम-प्रसंग के चलते मन उदास रहेगा.
सिंह राशि:- आपकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी. जीवनशैली में आये परिवर्तन से खुश होंगे. आजीविका के नए स्रोत स्थापित होंगे. पारिवारिक सौहार्द बना रहेगा. मांगलिक समारोह में सक्रिय भूमिका रहेगी.
तुला राशि:- अपने स्वभाव में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है. कार्यस्थल पर योजना लाभप्रद रहेगी. पड़ोसियों की मदद करनी पड़ सकती है. क्रोध की अधिकता से परिजन नाखुश होंगे. शेयर बाजार में निवेश से लाभ होगा.
तुला राशि:- जल्दबाजी में किये फैसलों से भारी नुकसान हो सकता है. परिवार में आप की बातों को सुना जायेगा. धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागिता होगी. जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा. परीक्षा परिणाम अनुकूल रहेगा.
वृश्चिक राशि:- समय से पहले और भाग्य से ज्यादा किसी को नहीं मिलता. अपनी बारी का इंजतार करें. संतान के सहयोग से कार्य पूरे होंगे. नए लोगों से संपर्क बनेगा, जो भविष्य में लाभदायक रहेगा. वाहन सुख संभव है.
धनु राशि:- व्यस्तता के कारण सेहत को न भूलें. अपने जीवनसाथी से नम्रता से बात करें और आपके दोनों के वार्तालाप में स्नेह झलके ना कि बनावटी बातें करें. वाणी मधुर रहे. यात्रा के योग बन रहे हैं.
मकर राशि:- अपने अक्खड़ व्यवहार से सभी से दूरियां बढ़ा लेंगे. व्यवहार नम्र रहे और अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें. पिता के साथ तालमेल न रहने से घर का वातावरण गरमा सकता है. संपत्ति से संबंधित जरूरी अनुबंध हो सकते हैं.
कुम्भ राशि:- अपने हिसाब से जिन्दगी जीना पसंद है. जो लोग आप के कार्यों की सराहना करते थे, वे आप का विरोध करेंगे. भवन-भूमि के विवादों का अंत होगा. पिता के व्यवसाय में रुचि कम रहेगी.
मीन राशि:- समय रहते अपने कार्य पूर्ण करें. पारिवारिक लोगों का सहयोग न मिलने से कार्य प्रभावित होंगे. घर में वास्तु अनुरूप परिवर्तन करें, तो पारिवारिक तनाव खत्म होगा. फैक्ट्री में प्रवेश द्वार पर पंचमुखी हनुमान की तस्वीर लगायें, चमत्कारिक लाभ होगा.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453
*यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
कामिका एकादशी व्रत रखने से जाने या अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिल जाती