नाग पंचमी के मौके पर आप नाग पूजन के साथ साथ नागमाता मनसा देवी का भी पूजन कीजिए माता मनसा ने ही भगवान शिव को हलाहल के कष्ट से मुक्ति दिलाई थी इसलिये उसे विषहरा भी कहा जाता है.
इनका एक विशिष्ट मंन्त्र है
ओम ह्रीं मानसे मनसे ह्रीं ओम
इस मंन्त्र का आप अधिक से अधिक जप कीजिये इससे कुलनाग की कृपा होती है जो कुलदेवी देवताओं का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है . आप अगले 15 दिन जप करने के बाद हवन भी कर सकते हैं
अपनी अनुभूतियों को गुप्त रखिये सांप का अहसास होना शरीर में बिजली का करंट सा लगना अथवा सांप की फुंकार सुनाई देना ये सामान्य से लक्षण हैं बैसे इस लाइन में कुछ भी हो सकता है.
मां मनसा अत्यंत दयालु हैं वह जापक के हर कष्ट को दूर करती हैं.
भगवान शिव की मानस पुत्री मनसा देवी का पूजन आज होगा.
मनसा देवी को शिव की मानस पुत्री माना जाता है किन्तु अनेक पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में इनका जन्म कश्यप के मस्तक से हुआ हैं, ऐसा भी उल्लेख मिलता है. कुछ ग्रंथों में लिखा है कि वासुकि नाग द्वारा बहन की इच्छा करने पर शिव नें उन्हें इसी मनसा नामक कन्या को भेंट स्वरूप दे दिया. कन्या में इतना तेज था कि वासुकि इस कन्या के तेज को न सह सका जिस कारण वह नागलोक में जाकर पोषण के लिये तपस्वी हलाहल को दे दिया. इसी मनसा नामक कन्या की रक्षा के लिये हलाहल नें प्राणों को त्यागा था.
विष की देवी
प्राचीन ग्रीस में भी मनसा नामक देवी का प्रसंग आता है. इन्हें कश्यप की पुत्री तथा नागमाता के रूप में माना जाता था एंव साथ ही शिव पुत्री, विष की देवी के रूप में भी माना जाता है. 14 वी सदी के बाद इन्हे शिव के परिवार की तरह मंदिरों में आत्मसात किया गया. यह मान्यता भी प्रचलित है कि इन्होंने शिव को हलाहल विष के पान के बाद बचाया था, परंतु यह भी कहा जाता है कि मनसा का जन्म समुद्र मंथन के बाद हुआ.
मनसा का अर्थ होता है अभिलाषा
मनसा का अर्थ अभिलाषा से भी होता है. हरिद्वार की शिवालिक पहाडि़यों पर स्थित है मनसा देवी का मन्दिर अत्यन्त प्राचीन और सिद्धपीठों में से एक है. मनसा देवी के मन्दिर में एक मूर्ति के पॉच मुख और दस भुजायें है और दूसरी मूर्ति की अठारह भुजायें व एक मुख है. इनके पति जगत्कारु तथा पुत्र आस्तिक जी हैं. इन्हें नागराज वासुकी की बहन के रूप में पूजा जाता है, प्रसिद्ध मंदिर एक शक्तिपीठ पर हरिद्वार में स्थापित है. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अंतर्गत एक नागकन्या थी जो शिव तथा कृष्ण की भक्त थी. उसने कई युगों तक तप किया तथा शिव से वेद तथा कृष्ण मंत्र का ज्ञान प्राप्त किया जो मंत्र आगे जाकर कल्पतरु मंत्र के नाम से प्रचलित हुआ. उस कन्या ने पुष्कर में तप कर कृष्ण के दर्शन किए तथा उनसे सदैव पूजित होने का वरदान प्राप्त किया.
सालवन गाँव में भव्य मंदिर
मनसाविजय के अनुसार वासुकि नाग की माता नें एक कन्या की प्रतिमा का निर्माण किया जो शिव वीर्य से स्पर्श होते ही एक नागकन्या बन गई, जो मनसा कहलाई. जब शिव ने मनसा को देखा तो वे मोहित हो गए, तब मनसा ने बताया कि वह उनकी बेटी है, शिव मनसा को लेकर कैलाश गए. माता पार्वती नें जब मनसा को शिव के साथ देखा तब चण्डी का रूप धारण कर मनसा के एक आँख को अपने दिव्य नेत्र तेज से जला दिया. राजा युधिष्ठिर ने भी माता मानसा की पूजा की थी जिसके फल स्वरूप वह महाभारत के युद्ध में विजयी हुए. जहाँ युधिष्ठिर ने पूजन किया वहाँ सालवन गाँव में भव्य मंदिर का निर्माण हुआ.
मनसा देवी की साधना विधि
साधना सामग्री-लाल चन्दन की लकड़ी, नीला व सफेद धागा जो 8-8 अंगुल का हो. कलश के लिए नारियल, सफेद व लाल वस्त्र, फल, पुष्प, दीप, धूप व पॅच मेवा समेत आदि सामग्री एकत्रित कर लेनी चाहिए.
प्रातःकाल स्नान ध्यान करके पूजा स्थान में एक बाजोट पर सफेद रंग का वस्त्र बिछा दे और उस पर एक पात्र में चन्दन के टुकड़े बिछाकर उस पर एक 7 मुख वाला नाग ऑटे का बनाकर स्थापित करें. दूसरे पात्र में एक शिवलिंग स्थापित करें.
पहले गणेश जी का पंचोपचार पूजन करें उसके बाद भगवान बिष्णु का फिर शिव जी का पंचोपचार पूजन करें. पूजन में धूप, दीप,फल, पुष्प, नैवेद्य आदि सभी को अर्पित करें. यह साधना रविवार को सांय 7 से 11 बजे के बीच करनी चाहिए. साधना करने के लिए रूद्राक्ष की माला का प्रयोग करना चाहिए. साधना काल में अखण्ड ज्योति जलती रहनी चाहिए.
इस मन्त्र ‘‘ॐ हु मनसा अमुक हु फट'' का सवा लाख बार जप करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है.
मन्त्र में जहां पर अमुक शब्द लिखा वहां पर अपनी कोई भी मनोकामना का प्रयोग कर सकते है.
मनसा देवी की साधना से लाभ
मनसा देवी की साधना करने से कैसा भी सर्पदोष हो समाप्त हो जाता है.
आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मनसा देवी की आराधना करना उत्तम रहता है.
अगर आपके घर में बाधायें बनी रहती है तो मनसा देवी की नियमित पूजा करें. हर बाधा समाप्त हो जायेगी.
किसी के उपर भूत-प्रेत आदि शक्तियों का साया मडरा रहा है तो मनसा देवी की आराधना करने से लाभ मिलता है.
जिस व्यक्ति काफी दवा करने के बाद भी रोग ठीक नहीं होता है, उसे मनसा देवी की पूजा अवश्य करनी चाहिए. ऐसा करने से वह शीघ्र ही स्वस्थ्य हो जायेगा.
जिन माताओं-बहनों को शारीरिक पीड़ा बनी रहती है, उन्हें मनसा देवी का पूजन करने से अत्यन्त लाभ मिलता है.
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जो भी हेट स्पीच दे उस पर तुरंत एफआईआर करो, उसके धर्म की परवाह मत करोः सुप्रीम कोर्ट
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