जकार्ता. इंडोनेशिया के बाली सागर क्षेत्र में मंगलवार को 7.1 की तीव्रता का भूकंप आया. यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र इंडोनेशिया के मातरम से 201 किलोमीटर उत्तर में धरती की सतह से 518 किलोमीटर नीचे था. भूकंप से अफरातफरी का माहौल है.
यहां पर बता दें कि इंडोनेशिया में कई ज्वालामुखी भी सक्रिय हैं, जिससे इस देश में भूकंप के चलते खतरा कई गुना रहता है. 28 मार्च, 2005 में इंडोनेशिया में 8.6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 1300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और इसे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा भूकंप माना गया. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर भारत में अगर 7 की तीव्रता का भूकंप आया तो क्या स्थिति बनेगी.
भारत में बड़ी तबाही संभव
भारतीय विशेषज्ञ कितना भी बड़ा दावा क्यों ना करें, लेकिन अगर यहां पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता का भूकंप आया तो जान-माल का भारी नुकसान होगा. कुछ दिनों की लगातार बारिश और हल्के भूकंप से ही दिल्ली-एनसीआर समेत भारत के कई शहरों में मकानों में दरारों या फिर ढहने की खबरें आ जाती हैं. ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि अगर बढ़ा भूकंप आया तो बड़ी तबाही तय है.
खतरे में 59 प्रतिशत एरिया
विशेषज्ञों की मानें तो देश में व्यावसायिक इमारतें या फिर निजी घर, इनके निर्माम में भूकंप के मापदंडों का बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखा जाता है. यही वजह है कि देश का 59 प्रतिशत एरिया भूकंप के लिहाज से खतरे में है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि इन 59 प्रतिशत एरिया में भूकंप संभावित 4 जोन में शामिल हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-समय पूर्व तैयारी ही भूकंप से तबाही को रोक सकती है!
J&K: एक बार फिर थरथराया जम्मू-कश्मीर, भूकंप के झटकों से कांपे लोग, घरों से बाहर निकले
गुजरात में बिपरजॉय तूफान के बीच कच्छ में भूकंप के झटके, जम्मू-कश्मीर में भी डोली थी धरती
महाराष्ट्र के पालघर में दो बार कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर 3.3 रही भूकंप की तीव्रता, मचा हड़कम्प