बेंगलुरु/चेन्नई. कावेरी जल विवाद को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक एक बार फिर आमने-सामने हैं. इस विवाद को लेकर तमिलनाडु के किसानों ने कर्नाटक सरकार के खिलाफ अनोखे अंदाज में विरोध किया है, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. तिरुचिरापल्ली में तमिलनाडु के किसानों के एक समूह ने अपने मुंह में मरे हुए चूहे रखकर कर्नाटक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने कर्नाटक से राज्य के लिए कावेरी का पानी छोडऩे की मांग की.
बेंगलुरु में बंद से जनजीवन प्रभावित
तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ किसानों और कन्नड़ संगठनों द्वारा मंगलवार को आहूत बेंगलुरु बंद को आंशिक प्रतिक्रिया मिली और अधिकतर सार्वजनिक सेवाएं सामान्य रूप से संचालित हुईं, लेकिन लोगों की आवाजाही अपेक्षाकृत कम नजर आई. इस बंद को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) ने समर्थन दिया है. किसान नेता कुरुबुरु शांताकुमार के नेतृत्व में, किसान संघों और अन्य संगठनों के एक प्रमुख संगठन कर्नाटक जल संरक्षण समिति ने मंगलवार को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बेंगलुरु बंद का आह्वान किया है.
टाउन हॉल की ओर विरोध मार्च निकालने की कोशिश कर रहे शांताकुमार और कर्नाटक जल संरक्षण समिति के अन्य नेताओं को पुलिस ने मैसूरु बैंक सर्कल में हिरासत में ले लिया. टाउन हॉल में विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए कन्नड़ संगठनों के कई कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने वहां से हटा दिया. किसान नेताओं और कन्नड़ कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन और बंद के खिलाफ कथित तौर पर पुलिस बल का इस्तेमाल करने के लिए सरकार पर हमला बोला.
पुलिस बल की 100 पलटन तैनात
शहर पुलिस ने इन प्रदर्शनों के दौरान संभावित हिंसा की घटनाओं से निपटने के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए हैं. करीब 100 पलटन तैनात की गई हैं. बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने बताया कि बंद के मद्देनजर सोमवार आधी रात से मंगलवार आधी रात तक शहर भर में आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, मौजूदा प्रतिबंधों और अदालत के आदेशों के अनुसार, शहर में किसी भी बंद या जुलूस की अनुमति नहीं है. दयानंद ने कहा, बल प्रयोग करके कोई भी बंद को जबरन लागू नहीं करा सकता है. बंद केवल उन्हीं मामलों में संभव है, जब कोई स्वेच्छा से इसे लागू करना चाहता हो.
सुको ने दिया था 5,000 क्यूसेक पानी छोडऩे का निर्देश
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने सोमवार को प्रदर्शन तेज होने के बीच कहा था कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारियों को नहीं रोकेगी, लेकिन शांति व्यवस्था बरकरार रहनी चाहिए. उच्चतम न्यायालय द्वारा कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और विनियमन समिति के आदेशों में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के बाद कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है. इन आदेशों में कर्नाटक को पड़ोसी तमिलनाडु को 5,000 क्यूसेक पानी छोडऩे का निर्देश दिया गया था.
किसान संगठन और कन्नड़ समर्थक संगठन कावेरी बेसिन जिलों मैसूर, मांड्या, चामराजनगर, रामनगर, बेंगलुरु और राज्य के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वे राज्य सरकार से पड़ोसी राज्य के लिए पानी नहीं छोडऩे का आग्रह कर रहे हैं. कर्नाटक का कहना है कि वह जल छोडऩे की स्थिति में नहीं है, क्योंकि मानसून में कम बारिश के कारण पानी की कमी है तथा कावेरी बेसिन इलाकों में खड़ी फसल की सिंचाई और पेयजल संबंधी आवश्यकताओं के कारण उसे स्वयं इसकी जरूरत है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दानापुर-एसएमवीटी बेंगलुरु-दानापुर व्हाया जबलपुर स्पेशल ट्रेन के चलने की अवधि बढ़ी
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