अभिमनोज. महाराष्ट्र में विधायकों की अयोग्यता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर को आदेश दिया हैं कि वह 31 दिसंबर 2023 या उससे पहले एकनाथ शिंदे समर्थक विधायकों की अयोग्यता पर लंबित याचिका का निपटारा करें.
जिस तरह से इस मामले में देरी करके अप्रत्यक्ष सियासी सुरक्षा प्रदान की जा रही थी, उसके मद्देनजर यह आदेश एकदम सही है.
उल्लेखनीय है कि- महाराष्ट्र में विधायकों की अयोग्यता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर की अपील पर नाराजगी जताई कि उन्हें अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने के लिए 29 फरवरी 2024 तक का समय चाहिए और कहा कि- हम चाहते हैं कि वे शिवसेना पर 31 दिसंबर 2023 तक और एनसीपी पर 31 जनवरी 2024 तक फैसला कर लें.
याद रहे, सुप्रीम कोर्ट की बेंच शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सुनील प्रभु और एनसीपी (शरद पवार गुट) के जयंत पाटिल की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें शिंदे-अजित पवार गुटों के विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर के जल्दी फैसला करने की मांग की गई है.
क्योंकि.... अगले वर्ष महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हैं, इस मामले में जितनी देर की जाएगी, अप्रत्यक्ष रूप से सत्ता को सुरक्षा मिलेगी, लिहाजा.... अदालत का आदेश इसलिए खास है कि इससे समय पर न्याय मिल सकेगा!
#SupremeCourt एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे! क्या यह अदालत और प्रजातंत्र की अवमानना नहीं है?
https://www.palpalindia.com/2023/10/29/Maharashtra-Deputy-CM-devendra-fadnavis-CM-eknath-shinde-not-disqualified-elected-members-of-Legislative-Council-Supreme-Court-news-in-hindi.html
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