दिसंबर 2023 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व

दिसंबर 2023 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व

प्रेषित समय :19:58:56 PM / Fri, Dec 1st, 2023
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दिसंबर 2023 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
साल 2023 का बारहवां और आखिरी महीना दिसंबर की शुरुआत पुनर्वसु नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होगा और इसका समापन 31 दिसंबर 2023 को मघा नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को होगी. दिसंबर के महीने में व्रतों और त्योहारों की भरमार देखने को मिलेगी. हम इन पर्वों के बारे में भी विस्तार पूर्वक बात करेंगे, लेकिन उससे पहले जानते है दिसम्बर  महीने का धार्मिक महत्व.
दिसंबर महीने का धार्मिक महत्व

दिसंबर ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से वर्ष का बारहवां और आखिरी महीना है. हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2023 के अंतिम महीने का आरंभ मार्गशीर्ष महीने के अंतर्गत होगा और इसका समापन पौष मास के तहत 31 दिसंबर को होगा. बता दें कि मार्गशीर्ष महीने का आरंभ 28 नवंबर 2023 से होगी और यह 26 दिसंबर 2023 को समाप्त होगी. 
मार्गशीर्ष हिन्दू पंचांग का नौवां महीना है और इसे अग्रहायण या अगहन का महीना भी कहते हैं. शास्त्रों के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने को सर्वाधिक पवित्र महीना माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि इसी महीने से सतयुग का आरम्भ हुआ था. कश्यप ऋषि ने इसी महीने में कश्मीर की रचना की थी. इस महीने को जप, तप और ध्यान के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इसमें पवित्र नदियों में स्नान करना विशेष फलदायी होता है. इस महीने में अच्छे कार्य की जा सकते हैं. इस माह भक्त श्रीकृष्ण की उपासना करते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. माना जाता है कि इस दौरान जप, तप करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है इसलिए इस मास में अधिक से अधिक पूजन कार्य करने चाहिए.
मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय माना गया है. भगवान ने स्वयं इस महीने के बारे में अर्जुन को ज्ञान दिया था. उन्होंने कहा था कि, ‘मार्गशीर्ष का महीना मेरा ही स्वरूप है. इस मास में तीर्थाटन और नदी स्नान से पापों का नाश होते हैं और मनुष्य की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.’ मार्गशीर्ष की शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था.
अब बात करते हैं पौष मास की तो, हिन्दू कैलंडर के अनुसार पौष मास दसवां महीना है. प्रत्येक मास का अपना महत्व होता है, इस प्रकार पौष मास का भी अपना महत्व है. पौष मास में सूर्य की उपासना करना शुभ माना जाता है. इसके साथ ही, इस मास को छोटा पितृ पक्ष के रूप में भी जानते हैं इसलिए इस माह में पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण करना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि आती है. इस दौरान मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है यानी इस माह शुभ कार्यों को को कुछ समय के लिए रोक दिया जाता है.
पौष मास में जरूर करें ये काम
शास्त्रों के अनुसार, पौष मास के दौरान भगवान सूर्य की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही, ‘ऊँ हीं ह्रीं सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप करें.
पौष मास में रोजाना सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए. जल में सिंदूर, लाल फूल और थोड़ा सा अक्षत डाल लें.
पौष मास में भगवान विष्णु व श्री कृष्ण की पूजा करना भी शुभ माना जाता है. साथ ही, गीता का पाठ और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें.
भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए इस माह लाल या फिर पीले रंग के कपड़े पहने. इससे शुभ फलों की प्राप्ति होगी.
पौष मास में दान-पुण्य का विशेष महत्व है इसलिए इस मास में जरूरतमंदों को कंबल, गर्म कपड़े, गुड़, तिल आदि का दान करना चाहिए.
इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान आदि करना शुभ माना जाता है.
पौष मास में गुड़ का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा लौंग, अदरक, अजवाइन जैसी गर्म चीजों का सेवन करें व इन चीज़ों का दान भी कर सकते हैं.
दिसंबर 2023 के व्रत एवं त्योहारों की संपूर्ण सूची
तिथि दिन त्योहार
08 दिसंबर, 2023 शुक्रवार उत्पन्ना एकादशी
10 दिसंबर, 2023 रविवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
11 दिसंबर, 2023 सोमवार मासिक शिवरात्रि
12 दिसंबर, 2023 मंगलवार मार्गशीर्ष अमावस्या
16 दिसंबर, 2023 शनिवार धनु संक्रांति
23 दिसंबर, 2023 शनिवार मोक्षदा एकादशी
24 दिसंबर, 2023 रविवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
26 दिसंबर, 2023 मंगलवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
30 दिसंबर, 2023 शनिवार संकष्टी चतुर्थी
यहां हमने आपको दिसंबर 2023 माह में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों की तिथियों के बारे में जानकारी प्रदान की है. लेकिन, अब हम आपको रूबरू करवाते हैं इन त्योहारों के धार्मिक महत्व से. 
दिसंबर 2023 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व
उत्पन्ना एकादशी (08 दिसंबर 2023): मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु के निमित्त उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाता है. यह भी मान्यता है कि इस व्रत को करने का फल अश्वमेघ यज्ञ, कठिन तपस्या, तीर्थों में स्नान-दान आदि से मिलने वाले फलों से भी अधिक होता है. साथ ही, व्यक्ति के जीवन पर भगवान लक्ष्मीनारायण की कृपा बरसती है. इतना ही नहीं जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और घर में धन और सुख का प्रवेश होता है.
प्रदोष व्रत (कृष्ण) (10 दिसंबर, 2023): हर महीने के त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्त होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. माना जाता है कि प्रदोष के दिन भगवान शिव कैलाश पर्वत स्थित अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं. सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है.
मासिक शिवरात्रि (11 दिसंबर, 2023): प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. मासिक शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित है और इस दिन भोलेनाथ की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और भगवान शंकर की विशेष कृपा प्राप्त होती है. सनातन धर्म में मासिक शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि व्रत के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से साधक को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आ रही सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.
मार्गशीर्ष अमावस्या (12 दिसंबर, 2023): हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जाती है. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और उसके बाद दान करने का विशेष महत्व है. ऐसा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और हमारी पितर भी तृप्त होते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से उनके मोक्ष का रास्ता भी खुलता है. इसके साथ ही पितृगण अपने परिवार को सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं. इस अमावस्या को अगहन के नाम से भी जाना जाता है. 
धनु संक्रांति (16 दिसंबर, 2023): धार्मिक पंचांग के अनुसार, हर महीने संक्रांति पड़ती है और हर संक्रांति का अपना विशेष महत्व होता है. जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है. हर वर्ष पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे धनु संक्रांति कहा जाता है. सभी संक्रांति में धनु संक्रांति का विशेष महत्व होता है. इस दिन से खरमास यानी मलमास की शुरुआत हो जाती है और जिस वजह से सभी मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है यानी इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.
मोक्षदा एकादशी (23 दिसंबर, 2023): मोक्षदा एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. पूजा के दौरान इस एकादशी व्रत कथा का पाठ करना या श्रवण करना बहुत फलदायी होता है. इस व्रत को करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में बताया गया है कि मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखने से सभी व्यक्ति जीवन-मृत्यु के बंधनों से मुक्त हो जाता है और अंत में मोक्ष की प्राप्ति करता है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत (26 दिसंबर, 2023): मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन विशेष व्रत रखा जाता है जिसे मार्गशीर्ष पूर्णिमा, मोक्षदायिनी पूर्णिमा, अगहन पूर्णिमा या बत्तीसी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपने सभी कलाओं से परिपूर्ण रहता है. इसलिए इस दिन चंद्र देव की भी पूजा की जाती है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन पूजा और व्रत रखने से जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति पाया जा सकता है. शास्त्रों के अनुसार, कहा जाता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर स्नान, दान और ध्यान करने व्यक्ति को भगवान कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
संकष्टी चतुर्थी (30 दिसंबर, 2023) : हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल के हर महीने दो चतुर्थी आती हैं. एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में. शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. दक्षिण भारत में संकष्टी चतुर्थी को गणेश संकटहरा या संकटहरा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है और इस चतुर्थी का विशेष महत्व होता है. हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा करने से घर में सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और खुशहाली बनी रहती है. साथ ही, सभी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से यश, धन, वैभव और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. 
दिसंबर 2023 में पड़ने वाले ग्रहण और होने वाले गोचर 
त्योहारों की तिथियां और उनके बारे में जानने के बाद अब हम आपको अवगत कराएंगे दिसंबर 2023 में होने वाले ग्रहण और गोचर के बारे में. बता दें कि दिसंबर के महीने में कोई भी ग्रहण नहीं लग रहा है जबकि चार प्रमुख ग्रहों का गोचर होने जा रहा है. हालांकि, इस दौरान दो ग्रह अपनी चाल में परिवर्तन करेंगे. तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस महीने लगने वाले ग्रहण व ग्रह गोचर के बारे में.
 बुध धनु राशि में वक्री (13 दिसंबर 2023): वैदिक ज्योतिष में बुद्धि, तर्क और मित्र के कारक ग्रह बुध 13 दिसंबर की दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर धनु राशि में वक्री होने जा रहे हैं. बुध धनु राशि में 28 दिसंबर तक वक्री अवस्था में मौजूद रहेंगे और फिर यह वक्री गति में ही वृश्चिक राशि में गोचर कर जाएंगे. 
सूर्य का धनु राशि में गोचर (15 दिसंबर 2023) : मान-सम्मान, उच्च पद और नेतृत्व क्षमता का कारक ग्रह सूर्य 16 दिसंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 47 मिनट पर धनु राशि में गोचर करेंगे. सूर्य का यह गोचर कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर (25 दिसंबर 2023) : आकर्षण, ऐश्वर्य, सौभाग्य, धन, प्रेम और वैभव के कारक ग्रह शुक्र 25 दिसंबर 2023 की सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहे हैं और परिणामस्वरूप, शुक्र का यह गोचर राशि चक्र की सभी राशियों को भिन्न-भिन्न रूप से प्रभावित करेगा.
मंगल का धनु राशि में गोचर  (27 दिसंबर 2023) : ज्योतिष में मंगल ग्रह को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और अब साहस, वीरता, शौर्य, शक्ति, युद्ध आदि के कारक ग्रह मंगल 27 दिसंबर 2023 की रात 11 बजकर 40 मिनट पर धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं. मंगल के गोचर का प्रभाव निश्चित रूप से सभी के जीवन पर पड़ेगा.
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर (28 दिसंबर 2023) : बुद्धि, व्यापार, वाणी, त्वचा, धन के कारक ग्रह बुध 28 दिसंबर 2023 को वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहे हैं.
बृहस्पति मेष राशि में मार्गी (31 दिसंबर 2023)  : इस साल के अंतिम दिन अर्थात 31 दिसंबर 2023 की सुबह 07 बजकर 08 मिनट पर देवताओं के गुरु कहे जाने वाले बृहस्पति मेष राशि में मार्गी होने जा रहे हैं. बृहस्पति मेष राशि में मार्गी होने से सभी 12 राशियों पर पड़ने वाले प्रभावों भिन्न-भिन्न प्रकार के होंगे.
दिसंबर 2023: शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी 
यदि आप शेयर बाज़ार में रुचि रखते हैं और आप इसमें निवेश करने का विचार बना रहे हैं तो  इस ब्लॉग का यह विशेष सेक्शन आपके लिए ही लेकर आया है, जिसके अंतर्गत हम आपको दिसंबर 2023 माह के शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी प्रदान करेंगे. तो चलिए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और एक नज़र डालते हैं शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी पर.
अब बात करते हैं साल के आख़िरी महीने की तो बता दें कि 15 दिसंबर 2023 को सूर्य का धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं और फिर 27 तारीख को मंगल भी धनु राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद, सुख-समृद्धि के कारक ग्रह शुक्र देव 25 दिसंबर 2023 को वृश्चिक में जाकर मौजूद होंगे. शेयर बाजार भविष्यवाणी 2023 के अनुसार, इस बात की अधिक संभावना है कि शेयर बाजार में नवंबर माह से चली आ रही तेज़ी दिसंबर में भी बरकरार रहेगी और इस दौरान अनुकूल परिणाम देखने को मिले. हालांकि हो सकता है कि 7 दिसंबर 2023 से ओएनजीसी, ओसीआई, रिलायंस, परफ़्यूम एंड कॉस्मेटिक इंडस्ट्री, कोल इंडस्ट्रीज, फ़िल्म इंडस्ट्री, फोटोग्राफी इंडस्ट्री आदि में थोड़ी मंदी देखने को मिले. 
जबकि बैंकिंग सेक्टर, फाइनेंस कंपनीज़, पेट्रोलियम इंडस्ट्री, केमिकल फर्टिलाइजर, लेदर इंडस्ट्री, सीमेंट हाउसिंग इंडस्ट्रीज़ और रबर इंडस्ट्रीज़ आदि में जबरदस्त उछाल आने के योग बन सकते हैं. शेयर बाजार भविष्यवाणी 2023 के अनुसार, 17 दिसंबर 2023 के बाद कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, सूचना प्रौद्योगिकी, रिलायंस इंडस्ट्रीज़, परफ़्यूम एंड कॉस्मेटिक इंडस्ट्रीज़, मोटर कार इंडस्ट्रीज़, इंफोरेन कंपनी, मछली उद्योग, आयुर्वेद एवं हर्बल प्रोडक्ट, प्लेसमेंट तथा लेबर आदि भी तेज़ी से आगे बढ़ते हुए नजर आएंगे.

भोज दत्त शर्मा , वैदिक ज्योतिष 
Astrology By Bhoj Sharma

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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