हैदराबाद. यूपी में मथुरा की शाही ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण की अनुमति देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होने कहा कि मुसलमानों से उनकी गरिमा को लूटना ही अब एकमात्र लक्ष्य है. ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद फैसले के बाद मैंने कहा था कि इससे संघ परिवार की शरारतें बढ़ेंगी.
एआईएमआईएम प्रमुख औबेसी ने कहा कि मथुरा विवाद दशकों पहले मस्जिद समिति व मंदिर के ट्रस्ट के बीच आपसी सहमति से सुलझाया गया था. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज को उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह परिसर का अदालत की निगरानी में अधिवक्ता आयुक्तों की तीन सदस्यीय टीम द्वारा प्राथमिक सर्वेक्षण की अनुमति दी. सर्वेक्षण के तौर-तरीके 18 दिसंबर को तय किए जाएंगे. जब अदालत सुनवाई फिर से शुरू करेगी.
ओवेसी ने अपनी पोस्ट में कहा कि चाहे वह काशी हो, मथुरा हो या लखनऊ की टाइल वाली मस्जिद यह एक ही समूह है. कोई भी यहां के समझौते को पढ़ सकता है. जिसे अदालत के समक्ष तय किया गया था. उन्होंने आगे कहा कि पूजा स्थल अधिनियम अभी भी लागू कानून है. लेकिन इस ग्रुप ने कानून व न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बना दिया है. सुप्रीम कोर्ट को इस मामले पर 9 जनवरी को सुनवाई करनी थी तो ऐसी क्या जल्दी थी कि सर्वेक्षण का आदेश देना पड़ा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-#Elections2024 यदि बसपा का वोट बैंक टूटा तो कांग्रेस यूपी में तीसरी बड़ी ताकत बन जाएगी?
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