Jharkhand: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, राज्य में शादी होने से नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ

Jharkhand: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, राज्य में शादी होने से नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ

प्रेषित समय :18:45:18 PM / Sun, Dec 24th, 2023
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रांची. झारखंड हाईकोर्ट ने आरक्षण का लाभ लेने को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. अपने फैसले में अदालत ने कहा है कि आपको आपके मूल राज्य में ही आरक्षण का लाभ मिल सकता है. आप बिहार में आरक्षित श्रेणी में थी और आपकी शादी झारखंड में हो गई. ऐसे में आपको यहां भी आरक्षण का लाभ मिलेगा, ऐसा नहीं है.

दरअसल हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने रीना राणा द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए यह निर्देश दिया है. याचिका में कहा गया था कि वर्ष 2016 में झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने शिक्षक नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था. नियुक्ति प्रक्रिया में प्रार्थी रीना राणा भी शामिल हुई थी. उन्होंने अपने पति के जाति प्रमाणपत्र के आधार पर आरक्षण का दावा किया था, लेकिन जेएसएससी ने आरक्षण का लाभ देने से इंकार कर दिया था.

क्या है पूरा मामला

साल 2016 में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने शिक्षक नियुक्ति का विज्ञापन जारी किया था. इस नियुक्ति के लिए बिहार से झारखंड शादी कर आई महिला रीना कुमारी राणा ने भी आवेदन दिया था. शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में सफल होने के बाद रीना को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था. जब उन्होंने प्रमाण पत्र पेश किया तो उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई. इस संबंध में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने बताया कि रीना राणा ने अपने पति के आधार पर एसटी जाति का प्रमाण पत्र जमा किया था. जेएसएससी ने कहा कि उसे आरक्षित श्रेणी का लाभ नहीं मिलेगा और उसकी उम्मीदवारी सामान्य श्रेणी में शामिल होगी. इसके बाद रीना ने झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत में यह फैसला सुनाया है.

गोड्डा से बना था जाति प्रमाण पत्र

जानकारी के मुताबिक जिस जाति प्रमाण पत्र के आधार पर रीना कुमारी राणा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, वह जाति प्रमाण पत्र संथाल परगना के गोड्डा जिले के एसडीओ ने जारी किया था. जिस आधार पर यह प्रमाण पत्र जारी किया गया था उसमें बताया गया था कि आवेदन करने वाली महिला बिहार में एसटी श्रेणी में आती है. उसने शादी के बाद झारखंड में रहने का दावा किया था. इसी आधार पर उसने जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए गोड्डा के अनुमंडल पदाधिकारी के पास आवेदन दिया था. नियम के अनुसार एकीकृत बिहार के समय से झारखंड में रहने वाले व्यक्ति का यदि मूल निवास वर्तमान में बिहार है तो उसे भी झारखंड में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. जिन लोगों का मूल निवास झारखंड होगा, उन्हें ही यहां का लाभ मिलेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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