जयपुर. राजस्थान के थर्मल पावर प्लांट्स में कोयला संकट गहराता जा रहा है. राजस्थान के 23 थर्मल प्लांटों में से 10 प्लांट्स में केवल एक दिन का ही कोयला स्टॉक शेष बचा है. वहीं बाकी बचे थर्मल प्लांट्स में 2 से 4 दिन का कोयला स्टॉक ही शेष बचा है. छत्तीसगढ में राजस्थान के हिस्से की कोयला खदान में खनन रुकने के चलते समस्या बढ़ गई है. राजस्थान में फिलहाल 28 हजार मीट्रिक टन कोयले की कमी चल रही है. आने वाले एक भी दिन अगर कोयले की सप्लाई रुकती है तो थर्मल प्लांट्स में बिजली उत्पादन ठप हो सकता है.
कोयला संकट को लेकर ऊर्जा विभाग की रिपोर्ट पर राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव सहाय व केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप कर कोयला संकट दूर करने की मांग उठाई है. कोयला संकट के चलते बिजली की कमी ना हो, इसके लिए ऊर्जा विभाग वैकल्पिक इंतजामों में भी जुट गया है. वही जनवरी माह के दूसरे पखवाड़े में बिजली की एकाएक डिमांड भी बढ़ गई है. बिजली की डिमांड 3200 लाख यूनिट के पार पहुंच चुकी है.
अलर्ट मोड पर राजस्थान सरकार
कोयला संकट को दूर करने को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा लगातार ऊर्जा महकमे के संपर्क में है. वहीं ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर और ऊर्जा सचिव आलोक गुप्ता लगातार अफसरों से कोयला संकट दूर करने को लेकर फीडबैक ले रहे हैं. वहीं ऊर्जा महकमें के अफसर केंद्रीय कोयला मंत्रालय व छत्तीसगढ़ सरकार के संपर्क में है, ताकि कोयले की किल्लत समय रहते दूर की जा सके. वहीं अतिरिक्त कोयले के लिए कोल इंडिया से भी राज्य का ऊर्जा महकमा संपर्क में है.
हर दिन इतनी रैक कोयला की जरूरत
सीएम भजनलाल शर्मा ने केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखकर कहा है कि कोल इंडिया से हर दिन 11.33 रैक सप्लाई का अनुबंध है, लेकिन छत्तीसगढ़ स्थित खदान से खनन नहीं होने के कारण यहां से औसतन 16 रैक मिल रही हैं. हर दिन 21 रैक की जरूरत है. जोशी को फिलहाल 23 रैक उपलब्ध कराने की जरूरत जताई गई है, ताकि स्टॉक भी बढ़ाया जा सके. एक रैक में 4 हजार मीट्रिक टन कोयला आता है.
अतिरिक्त खदान में नहीं शुरू हो पाया खनन
वहीं, सीएम भजनलाल ने छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव सहाय को पत्र लिखकर कहा है कि राजस्थान की कोल माइंस परसा इस्ट कांता में खनन के लिए अतिरिक्त खदान दी गई है. 91 हेक्टेयर में से 70 हेक्टेयर में पेड़ों की कटाई हो चुकी है. इसमें से अभी केवल 26 हेक्टेयर जमीन ही दी गई है. यहां खनन शुरू नहीं हो पा रहा है. कुछ स्थानीय एनजीओ का विरोध है. जल्द से जल्द खनन शुरू करने की जरूरत है. यहां से हर वर्ष 15 मिलियन टन कोयला मिलने की राह खुलेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान : 22 मंत्रियों ने ली शपथ, 12 कैबिनेट, 10 राज्य मंत्री बनाए गए, इन्हें मिला मौका
राजस्थान में छुट्टियों का भरपूर आनंद उठा रही हैं पॉप सिंगर डुआ लिप्पा