नक्षत्र राशिफल से जानें साल 2024 के सबसे खुशकिस्मत जातकों का नाम

नक्षत्र राशिफल से जानें साल 2024 के सबसे खुशकिस्मत जातकों का नाम

प्रेषित समय :20:12:38 PM / Wed, Jan 24th, 2024
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वैदिक ज्योतिष में नक्षत्र भी ग्रहों की ही तरह महत्वपूर्ण माने गए हैं और जब भी कोई महत्वपूर्ण भविष्यवाणी की जाती है या शुभ मुहूर्त की गणना की जाती है तो ग्रहों के साथ-साथ नक्षत्र की स्थिति और चाल पर भी गौर किया जाता है. यही वजह है कि बहुत से लोग नक्षत्र आधारित राशिफल में भी रुचि रखते हैं. 

नक्षत्रों का वैदिक ज्योतिष में महत्व

वैदिक ज्योतिष में 27 नक्षत्र के बारे में बताया गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह 27 नक्षत्र दक्ष प्रजापति की पुत्रियाँ मानी गई हैं. वैदिक ज्योतिष में ज्योतिषीय गणना के लिए 12 राशियां और आकाश को 27 नक्षत्र में विभाजित किया गया है. सभी नौ ग्रहों को इन 27 नक्षत्र में बांटा जाता है और हर एक ग्रह तीन नक्षत्र के स्वामी होते हैं.
यहां यह भी जानना दिलचस्प है कि वैदिक ज्योतिष के अनुसार आकाश में तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है. इन्हीं नक्षत्र की गणना पर ज्योतिषीय भविष्यवाणी की जाती है. ज्योतिष में बताए गए 27 नक्षत्र चंद्रमा के पथ से जुड़े हुए होते हैं. चंद्रमा लगभग 27 दिनों में पृथ्वी की परिक्रमा को पूरे करता है यानी कि एक महीने में चंद्रमा मुख्य सितारों के समूहों के बीच भ्रमण करता है. 
जिस तरह सूर्य मेष से लेकर मीन यानी कि सभी 12 राशियों तक हर एक महीने में भ्रमण करते हैं ठीक इसी तरह से चंद्रमा सभी 27 नक्षत्र में भ्रमण करते हैं. इस समय को नक्षत्र मास कहा जाता है. ऐसे में 27 दोनों का एक नक्षत्र मास होता है.

नक्षत्रों का पौराणिक महत्व जानते हैं आप? 
जैसा की हमने पहले भी बताया कि, पुराणों में इन 27 नक्षत्रों को दक्ष प्रजापति की बेटियों के तौर पर माना जाता है. इन तारों का विवाह सोमदेव अर्थात चंद्रमा के साथ हुआ है. चंद्रमा को यूं तो अपनी सभी रानियां प्यारी थीं लेकिन इन सब में सबसे प्रिय उन्हें रोहिणी नक्षत्र था जिसकी वजह से चंद्रमा को श्राप का सामना भी करना पड़ा था. 

नक्षत्र का वैदिक ज्योतिष में इतना महत्व इसलिए माना गया है क्योंकि नक्षत्र द्वारा किसी व्यक्ति के सोचने समझने की शक्ति, अंतर्दृष्टि और उसकी विशेषताओं का विश्लेषण बेहद ही आसानी से किया जा सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं यह नक्षत्र व्यक्ति की दशा अवधि की गणना करने में भी सहायक साबित होते हैं. भारतीय ज्योतिष में नक्षत्र को चंद्र महल कहा जाता है और यह पंचांग का बेहद ही महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं.

कैसे जानें अपना जन्म नक्षत्र 

व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा जिस भी नक्षत्र में मौजूद होता है वही व्यक्ति का जन्म नक्षत्र माना जाता है. अगर किसी व्यक्ति के वास्तविक जन्म नक्षत्र की जानकारी हो तो ऐसे में उसके बारे में सटीक भविष्यवाणी करना बहुत आसान हो जाता है. हालांकि अगर आपको अपना जन्म नक्षत्र पता नहीं है और आप जानना चाहते हैं कि आपका जन्म नक्षत्र क्या है तो आप हमारे  से इस बात की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. 

जन्म नक्षत्र जानने के बाद आप अपनी कुंडली में मौजूद तमाम तरह के दोषों और नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के उपायों की जानकारी भी जान सकते हैं जिनसे आपका जीवन और भी ज्यादा सफल और सिद्ध बनता है. इसके अलावा जब भी सनातन धर्म में विवाह की बात आती है तो भी वर और वधू का कुंडली मिलान करते समय नक्षत्रों को विशेष महत्व दिया जाता है.

नक्षत्र और उनके गुण 

वैदिक ज्योतिष में नक्षत्रों की कुल संख्या 27 बताई गई है. इनमें से कुछ नक्षत्र शुभ नक्षत्र माने जाते हैं, कुछ अशुभ नक्षत्र माने जाते हैं, तो कुछ मध्यम नक्षत्र माने गए हैं.
शुभ नक्षत्र की बात करें तो यह वो नक्षत्र होते हैं जिनमें कोई भी काम किया जाए तो व्यक्ति को सिद्धि और सफलता अवश्य मिलती है. 27 में से 15 नक्षत्रों को शुभ माना जाता है इनमें रोहिणी नक्षत्र, अश्विनी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, रेवती नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, धनिष्ठा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, आते हैं.

वहीं अशुभ नक्षत्रों की बात करें तो, ये वो नक्षत्र होते हैं जिनमें कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. अगर इसमें कोई भी काम किया जाए तो व्यक्ति को निराशा या रूकावटों का सामना करना पड़ता है. अशुभ नक्षत्रों की बात करें तो भरणी नक्षत्र, कृतिका नक्षत्र, मघा नक्षत्र और अश्लेषा नक्षत्र को अशुभ ग्रहों की श्रेणी में डाला गया है.

अंत में आते हैं मध्यम नक्षत्र. ये वो नक्षत्र होते हैं जिनमें कोई बड़ा या विशेष काम करना वर्जित होता है हालांकि अगर आप सामान्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इस नक्षत्र से आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. इनमें पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, मूल नक्षत्र और शतभिषा नक्षत्र आते हैं. 

नक्षत्रों की व्यापक जानकारी जानने के बाद चलिए अब आगे बढ़ते हैं और इन्हीं नक्षत्रों पर आधारित राशिफल पर नजर डालते हैं और जानते हैं कि सभी नक्षत्र के जातकों का साल 2024 कैसा रहने वाला है. 

भोज दत्त शर्मा , वैदिक ज्योतिष

Astrology By Bhoj Sharma

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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