नई दिल्ली. अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के कारण अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख डॉ इमाम उमैर अहमद इलियासी के खिलाफ फतवा जारी किया गया है। जानकारों के अनुसार पहली बार मुख्य इमाम को ही फतवा जारी हुआ है, जिसमें उनके धार्मिक रूप से बहिष्कार के आह्वान के साथ जान से मारने तक की धमकी दी गई है। इस संबंध में मुख्य इमाम ने केंद्रीय गृह मंत्रालय तथा दिल्ली पुलिस को शिकायत दी है।
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ऑल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम डॉक्टर इमाम उमेर अहमद इल्यासी के खिलाफ फतवा जारी करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि उनका राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना कुछ जिहादी कट्टरपंथी मुफ्तियों को रास नहीं आया और मुफ्तियों के एक ग्रुप द्वारा उनके विरुद्ध फतवा जारी किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय दुष्कृत्य है।
विहिप नेता ने तुरंत इस फतवे को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि क्या एक भारतीय मुसलमान को अपने पूर्वजों की पुण्यधारा के दर्शन करने का भी अधिकार नहीं है? उन्होंने कहा कि पहली बार किसी इमाम के विरुद्ध जारी एकतरफा फतवे ने यह पुन: सिद्ध कर दिया है कि कैसे कुछ कट्टरपंथी लोग इस्लाम को अपनी जागीर समझते हैं। ये लोग तीन तलाक़, हलाला और हलाल के विरुद्ध कोई फतवा क्यों नहीं जारी करते? उन्हें ये फतवा वापस लेकर देश से माफी मांगनी चाहिए।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अयोध्या में 18.75 लाख श्रद्धालुओं ने किए श्रीरामलला के दर्शन, लगातार बढ़ रही भीड़़
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