ठाणे (महाराष्ट्र). उल्हासनगर की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक गणपत कालू गायकवाड़ को 11 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया. शिवसेना के कल्याण प्रमुख महेश गायकवाड़ और उनके सहयोगी राहुल पाटिल को छह गोलियां मारने वाले 56 वर्षीय गणपत कालू गायकवाड़ को कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार शाम मजिस्ट्रेट ए.ए. निकम के सामने पेश किया गया. गणपत गायकवाड़ ने उल्हासनगर के हिल लाइन पुलिस स्टेशन के अंदर गोलीबारी को अंजाम दिया था. पुलिस ने लाइसेंसी पिस्तौल बरामद कर ली थी, अधिकारी अपराध में अन्य आरोपियों को पकड़ना चाहते थे और इसलिए आगे की जांच के लिए 14 दिन की रिमांड मांगी थी.
वकील राहुल अरोटे के नेतृत्व में गणपत गायकवाड़ की कानूनी टीम ने पुलिस की याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि वह (आरोपी) एक निर्वाचित जन प्रतिनिधि था, गोलीबारी पूर्व नियोजित नहीं थी और इसका उद्देश्य आत्मरक्षा करना था. अरोटे ने पुलिस के इस दावे पर भी सवाल उठाया कि महेश गायकवाड़ को छह गोलियां मारी गईं और दलील दी कि घटना का सीसीटीवी फुटेज ‘जानबूझकर मीडिया में लीक’ किया गया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद मजिस्ट्रेट निकम ने गणपत गायकवाड़ को 14 फरवरी तक 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
पहले ऐसी अटकलें थीं कि उनके समर्थकों की भावनाओं को देखते हुए उन्हें वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश किया जाएगा, लेकिन अपराध की गंभीर प्रकृति को देखते हुए गणपत गायकवाड़ को कड़ी सुरक्षा के बीच व्यक्तिगत रूप से मजिस्ट्रेट अदालत में लाया गया. इस बीच, गणपत गायकवाड़ के समर्थकों की भारी भीड़ उल्हासनगर कोर्ट के बाहर जमा हो गई, जहां उन्हें आज शाम पेश किया गया और बाद में ठाणे जेल भेज दिया गया.
महेश गायकवाड़ की छह घंटे मैराथन सर्जरी हुई, छाती और कंधे में लगी 6 गोलियां निकाली गईं. एक विधायक द्वारा किए गए जानलेवा हमले पर विपक्षी महा विकास अघाड़ी के शीर्ष नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, जिनके पास गृह विभाग है, के इस्तीफे की मांग की है.
नाना पटोले, विजय वडेट्टीवार (कांग्रेस), शरद पवार, सुप्रिया सुले, डॉ. जितेंद्र अवहाद (एनसीपी-एसपी), संजय राउत (शिवसेना-यूबीटी), सुषमा अंधारे और अन्य जैसे शीर्ष एमवीए नेताओं ने महाराष्ट्र को ‘अराजक राज्य’ में बदलने के लिए महायुति सरकार की आलोचना की. भारी राजनीतिक हंगामे के बीच, फड़नवीस ने घटना की उल्हासनगर के सहायक पुलिस आयुक्त नीलेश सोनावणे की अध्यक्षता में एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं.
रात करीब 9.40 बजे एक चौंकाने वाला मामला सामने आया. शुक्रवार की रात, गणपत गायकवाड़ ने अपनी लाइसेंसी बंदूक निकाली और हिल लाइन्स पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अनिल जगताप के केबिन के अंदर उनके सामने बैठे महेश गायकवाड़, राहुल पाटिल और चैनू जाधव पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-Maharashtra: स्पीकर का फैसला- शिंदे गुट ही असली शिवसेना, उद्धव गुट को लगा बड़ा झटका
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