इसरो ने INSAT-3DS लॉन्च किया, 19.13 मिनट में पृथ्वी से 37000 किमी की ऊंचाई पर पहुंचा, 10 साल मौसम की सटीक जानकारी देगा

इसरो ने INSAT-3DS लॉन्च किया, 19.13 मिनट में पृथ्वी से 37000 किमी की ऊंचाई पर पहुंचा, 10 साल मौसम की सटीक जानकारी देगा

प्रेषित समय :19:52:55 PM / Sat, Feb 17th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
Whatsapp Channel

श्रीहरिकोटा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार (17 फरवरी) को 10 साल तक मौसम की सटीक जानकारी देने वाले सैटेलाइट इनसेट 3डी एस को लॉन्च किया. इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से शाम 5.35 बजे लॉन्च किया गया.

सैटेलाइट की लॉन्चिंग जीएसएलवी एफ14 रॉकेट से हुई. ये 19 मिनट 13 सेकेंड में 37000 किलोमीटर ऊंचाई पर जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) यानी पृथ्वी की ऊपरी कक्षा में पहुंचा.

1 जनवरी 2024 को  PSLV-C58/EXPOSAT मिशन की लॉन्चिंग के बाद 2024 में इसरो का यह दूसरा मिशन है. यह  INSAT-3D सीरीज की 7वीं उड़ान है. इस सीरीज का आखिरी सैटेलाइट ढ्ढहृस््रञ्ज-3ष्ठक्र 8 सितंबर 2016 को लॉन्च किया गया था.

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ के मुताबिक 10 नवंबर 2023 से  INSAT-3DS के वाइब्रेशन टेस्ट शुरू हो गए थे. यह 6-चैनल इमेजर और 19-चैनल साउंडर के जरिए मौसम से जुड़ी जानकारी देगा. साथ ही सर्च और रेस्क्यू के लिए जमीनी डेटा और मैसेज रिले करेगा.

क्या करेगा  इनसेट 3 डीएस

2274 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट एक बार चालू होने के बाद अर्थ साइंस, मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (एनआईओटी), मौसम पूर्वानुमान केंद्र और भारतीय राष्ट्रीय केंद्र के तहत विभिन्न विभागों को सेवा प्रदान करेगा. 51.7 मीटर लंबा रॉकेट इमेजर पेलोड, साउंडर पेलोड, डेटा रिले ट्रांसपोंडर और सैटेलाइट एडेड सर्च एंड रेस्क्यू ट्रांसपोंडर ले जाएगा. जिनका उपयोग बादल, कोहरे, वर्षा, बर्फ और उसकी गहराई, आग, धुआं, भूमि और समंदरों पर स्टडी के लिए किया जाएगा.

इनसैट सीरीज क्या है

इनसैट या इंडियन नेशनल सैटेलाइट सिस्टम को भारत की कम्युनिकेशन, टेलिकास्ट, मौसम विज्ञान और सर्च एंड रेस्क्यू की जरूरतों को पूरा करने के लिए इसरो ने बनाया है. यह जियो स्टेशनरी सैटेलाइट्स की सीरीज है. इसकी शुरुआत 1983 में की गई. इनसैट एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ा लोकल कम्युनिकेशन सिस्टम है. सैटेलाइट्स की निगरानी और कंट्रोल कर्नाटक के हासन और मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित मेन कंट्रोल सेंटर्स से किया जाता है. इस सीरीज के अब तक छह सैटेलाइट्स लॉन्च किए जा चुके हैं. आखिरी सैटेलाइट ढ्ढहृस््रञ्ज-3ष्ठक्र है. यह अभी भी काम कर रहा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

इसरो चीफ का दावा- 6 जनवरी को अपनी जगह पहुंचेगा आदित्य एल-1, ऐसे हो रही गगनयान की तैयारी

किसानों के भारत बंद का असर, गाजीपुर बॉर्डर पर लंबा जाम, पंजाब से दिल्ली तक हाई अलर्ट

राजधानी दिल्ली में 'आग' ने मचाया तांडव: पेंट फैक्ट्री में लगी भीषण आग, 11 लोग जिंदा जले, 4 घायल

किसानों के समर्थन में दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, केंद्र के इस अनुरोध को किया खारिज

दिल्ली में 30 दिन के लिए लगी धारा-144, जानिए किस चीज की इजाजत, किस पर रहेगी रोक?

किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च: किले में तब्दील दिल्ली, सारे बॉर्डर सील, धारा 144 लागू