इंदौर. पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी हुई है और सरकार इसे दबाना चाह रही है. स्थानीय कलेक्टर कार्यालय को घेर कर दो घंटे तक बैठे रहे सैकड़ों युवाओं ने यह आरोप लगाया है. सरकार द्वारा भर्ती परीक्षा से चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति रोकने और एसआइटी गठित कर नए सिरे से जांच की मांग की है. प्रदर्शन करने वाले युवाओं ने भीड़ के बीच कुछ प्रवेश पत्रों की प्रतियों को भी लहराया. कुछ उम्मीदवारों के नाम लेते हुए उन्होंने दावा किया कि साफ जाहिर हो रहा है कि भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की गई है.
कम से कम साढ़े तीन सौ युवा पटवारी भर्ती के खिलाफ प्रदर्शन करने स्थानीय कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे. नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाईयू) की अगुवाई में पहुंचे युवाओं को कलेक्टर कार्यालय से पहले ही सड़क पर बेरिकेड लगाकर पुलिस ने रोक लिया. करीब दो घंटे तक सड़क पर बैठकर नारेबाजी करते हुए युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया. इन्होंने मांग की कि बीती सरकार के कार्यकाल में हुई पटवारी भर्ती परीक्षा में तमाम गड़बडिय़ां हुई थी.
इस पर शोर मचा और कई सबूत सामने आए तो तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने एक पूर्व जज को जांच सौंपी थी. अब सरकार 25 फरवरी से इस चयन परीक्षा से चुने उम्मीदवारों को नियुक्ति दे रही है. बिना जांच रिपोर्ट सार्वजनिक किए नियुक्तियों की हड़बड़ी जाहिर कर रही है कि सरकार धांधली को दबाना चाहती है. युवाओं ने मांग रखी कि एसआइटी बनाकर भर्ती प्रक्रिया की पूरी जांच हो. चीफ जस्टिस मप्र के साथ इसमें तकनीकी विशेषज्ञ भी रखे जाए, क्योंकि पूरी परीक्षा आनलाइन हुई थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर-इंदौर नई रेल लाइन के लिए बजट में मिले 1080 करोड़ रुपए, पमरे को मिले इतने अरब का आवंटन
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