*प्रदीप द्विवेदी
चंडीगढ़ महापौर चुनाव घटनाक्रम में जिस तरह से भारत के सर्वोत्तम प्रजातंत्र की धज्जियां उड़ाई गई हैं, उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक क्षण भी पद पर रहने का हक नहीं है?
यदि जरा-सी भी शर्म बची है तो नरेंद्र मोदी को इस्तीफा दे देना चाहिए!
इस वक्त देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एकाधिकार कायम है, छोटे से छोटे चुनाव से लेकर बड़े से बड़े चुनाव तक प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष उनका चेहरा सामने आता है और जिस तरह से पिछले लंबे समय से विभिन्न राज्यों में 'खोखा मॉडल' के तहत सियासी जोड़तोड़ की गई है वह प्रजातंत्र के लिए बेहद शर्मनाक रही है.
यह पहला मौका है जब ऑन कैमरा सारी सच्चाई सामने आ गई है, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जो टिप्पणियां की है, उसके बावजूद यदि नरेंद्र मोदी पद पर बने रहते हैं तो यह बीजेपी के लिए भी सवालिया निशान है?
याद रहे यह अटल-आडवाणी वाली बीजेपी नहीं है, जिसके लिए सिद्धांत पहले, सत्ता बाद में थी, यह मोदी-शाह की बीजेपी है, जहां सिद्धांत के लिए कोई जगह नहीं है, केवल सत्ता और सत्ता ही चाहिए.
भारतीय प्रजातंत्र के इतिहास में चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नया स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया, प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने पुराने चुनाव परिणाम को रद्द कर दिया, जिसके बाद अदालत में फिर से वोटों की गिनती की गई और नतीजे घोषित किए गए, जिसमें आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार विजयी हुए और वे चंडीगढ़ के नए मेयर बनाए गए.
उच्चतम न्यायालय ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव के परिणाम को पलटते हुए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ शहर का नया महापौर घोषित किया.
उल्लेखनीय है कि अदालत ने 30 जनवरी 2024 के चुनाव के संचालन में गंभीर खामियां पाए जाने के बाद, निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह, जो भाजपा नेता हैं, के खिलाफ ‘कदाचार’ के लिए मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया.
खबरों की माने तो.... अदालत ने स्पष्ट किया कि वह पूरी चुनावी प्रक्रिया को रद्द नहीं कर रही है और खुद को मतगणना प्रक्रिया में गलत कार्यों से निपटने तक ही सीमित रख रही है, जिसके कारण कुमार के पक्ष में डाले गए आठ मत अमान्य हो गए थे. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि- यह स्पष्ट है कि मसीह ने जानबूझकर आठ मतपत्रों को विरूपित करने का प्रयास किया.
उल्लेखनीय है कि बीजेपी ने 30 जनवरी 2024 को चंडीगढ़ महापौर चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की थी, महापौर पद के लिए भाजपा के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया था, जिसमें सोनकर को अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 वोट के मुकाबले 16 वोट मिले थे, हालांकि चुनाव उलझता देखकर सोनकर ने पिछले रविवार को महापौर पद से इस्तीफा दे दिया था.
देखना होगा कि बीजेपी अपने सिद्धांतों के अनुरूप नरेंद्र मोदी को हटाकर सुधार करती है या जनता द्वारा सबक सिखाए जाने का इंतजार करती है?
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