अभिमनोज. डेरा सच्चा सौदा चीफ गुरमीत राम रहीम को बार-बार दी जा रही पैरोल पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि- भविष्य में बिना अदालत की इजाजत के राम रहीम को पैरोल ना दी जाए, यही नहीं, अदालत ने यह भी कहा कि- जिस दिन पैरोल की अवधि खत्म हो रही है, उसी दिन राम रहीम सरेंडर करे.
उल्लेखनीय है कि राम रहीम की पैरोल 10 मार्च 2024 को खत्म हो रही है, खबरों की मानें तो.... डेरा प्रमुख को पिछले 4 साल में 9 बार पैरोल मिल चुकी है- अक्टूबर 2020, मई 2021, फरवरी 2022, जून 2022, अक्टूबर 2022, जनवरी 2023, जुलाई 2023, नवंबर 2023 और जनवरी 2024 में उन्हें पैरोल दी गई.
याद रहे, एसजीपीसी सहित कई और याचिकाएं राम रहीम को दी गई पैरोल के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी, जिन पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को यह आदेश दिए हैं.
हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से सख्त लहजे में पूछा कि- वह बताए कि डेरा चीफ की तरह और कितने कैदियों को इसी तरह पैरोल दी गई है?
हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को मामले में अगली सुनवाई पर पूरी जानकारी पेश करने के आदेश भी दिए.
इस मामले में एसजीपीसी का कहना है कि- डेरा प्रमुख के खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज हैं और इनमें उसे दोषी करार दिए जाने के बाद सजा भी सुनाई जा चुकी है, लेकिन हरियाणा सरकार डेरा प्रमुख को पैरोल देती रही है, जो पूरी तरह से गलत है, इसलिए डेरा प्रमुख को दी गई पैरोल को रद्द किया जाए.
उल्लेखनीय है कि.... राम रहीम को संगीन अपराध में दोषी करार दिया गया था, जिन पर महिला अनुयायियों के साथ रेप करने के आरोप लगे थे और 2017 में उसे 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी, यही नहीं, 2019 में उसे कर्मचारी रणजीत सिंह की हत्या के मामले में भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, साथ ही डेरा प्रमुख को एक पत्रकार की हत्या का भी अपराधी पाया गया था, जिस मामले में उसे 2021 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
राम रहीम जैसे अपराधियों पर सरकार इतनी मेहरबान क्यों है, यह जगजाहिर है, लेकिन अदालत के निर्णय ने हरियाणा सरकार को आईना दिखाने का बेहतर कार्य किया है!
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