सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एएम खानविलकर बने देश के दूसरे लोकपाल, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एएम खानविलकर बने देश के दूसरे लोकपाल, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

प्रेषित समय :16:43:49 PM / Mon, Mar 11th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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नई दिल्ली. देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर को लोकपाल के अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई है. न्यायमूर्ति खानविलकर को इसी साल फरवरी के अंतिम सप्ताह में लोकपाल के अध्यक्ष के रूप में चयन किया गया था.

रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खानविलकर को लोकपाल के अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई. आपको बता दें कि लोकपाल का पद बीते दो सालों से खाली चल रहा था. पिछले साल के सितंबर महीने से देश की भ्रष्टाचार रोधी संस्था के प्रमुख पद के लिए कई नाम चल रहे थे, लेकिन आखिर में खानविलकर के नाम पर सहमति बनी.

आपको बता दें कि 27 मई 2022 को पिनाकी चंद्र घोष का कार्यकाल पूरा होने के बाद लोकपाल का पद खाली चल रहा था. देश में साल 2022 से ही बिना लोकपाल का ही काम चल रहा था. आपको बता दें कि भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी औ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजय यादव को पिछले महीने ही लोकपाल में न्यायिक सदस्य नियुक्त किया गया था.

आपको बता दें कि न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) खानविलकर ने 13 मई 2016 से 29 जुलाई 2022 तक देश की शीर्ष अदालत में जज के रूप में काम कर चुके हैं. उन्होंने अपने सेवाकाल के दौरान कई अहम फैसले सुनाए हैं, जिसमें नागरिकों के खिलाफ विशेष कानूनों जैसे धनशोधन निवारण अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और विदेशी योगदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम में व्यापक शक्तियों को वैध करार दिया गया था. न्यायमूर्ति खानविलकर ने अपने एक अहम फैसले में साल 2018 में भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को सहमति से समलैंगिक यौन संबंध को अपराध करार दिया था.

लोकपाल तथा लोकायुक्त अधिनियम, 2013 ने संघ (केंद्र) के लिए लोकपाल और राज्यों के लिए लोकायुक्त संस्था की व्यवस्था की है. ये संस्थाएं बिना किसी संवैधानिक दर्जे वाले वैधानिक निकाय हैं. ये ह्रद्वड्ढह्वस्रह्यद्वड्डठ्ठ का कार्य करते हैं और कुछ निश्चित श्रेणी के सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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