फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तिथि तक होलाष्टक माना जाता है. होली तक होलाष्टक रहता है इस बार 17 मार्च से 25 मार्च तक है जो काम नहीं करना है वह है-
1. विवाह करना
2. वाहन खरीदना
3. घर खरीदना
4. भूमि पूजन
5. गृहप्रवेश
6. 16 संस्कार
7. यज्ञ, हवन या होम
8. नया व्यापार शुरु करना
9. नए वस्त्र या कोई वस्तु खरीदना
10. यात्रा करना
होलाष्टक को ज्योतिष की दृष्टि में एक दोष माना जाता है. विवाहिताओं को इस दौरान मायके में रहने की सलाह दी जाती है. विशेष रूप से इस समय विवाह, नए निर्माण व नए कार्यों को आरंभ नहीं करना चाहिए. ऐसा ज्योतिष शास्त्र का कथन है. अर्थात् इन दिनों में किए गए कार्यों से कष्ट, अनेक पीड़ाओं की आशंका रहती है तथा विवाह आदि संबंध विच्छेद और कलह का शिकार हो जाते हैं या फिर अकाल मृत्यु का खतरा या बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है.
होलाष्टक का विचार विषय कहां किस विषय पर भारत देश में लागू होता है!
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