नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 19 मार्च को शरद गुट को लोकसभा चुनाव 2024 में NCP शरदचंद्र पवार नाम से ही लोकसभा चुनाव लडऩे की परमिशन दे दी. साथ ही उसके चुनाव चिह्न तुरही बजाता आदमी को भी मान्यता दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी निर्देश दिया कि वह लोकसभा-विधानसभा चुनावों के लिए दूसरों को ये चुनाव चिह्न न दे.
कोर्ट ने अजित पवार गुट को यह नोटिस सार्वजनिक रूप से जारी करने को कहा कि एनसीपी का घड़ी चुनाव चिह्न कोर्ट में विचाराधीन है. इसलिए चुनावी विज्ञापनों के इस्तेमाल में भी ये बताना होगा कि चुनाव चिन्ह का मामला कोर्ट में विचाराधीन है. सुप्रीम कोर्ट शरद गुट की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया था कि अजित गुट अपने फायदे के लिए शरद पवार का नाम और फोटो इस्तेमाल कर रहा है.
पिछली सुनवाई में कहा था- अपनी पहचान बनाएं
इससे पहले 14 मार्च को महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम अजित पवार के गुट को कोर्ट ने फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- अजित गुट लिखकर दे कि शरद पवार का फोटो इस्तेमाल नहीं करेंगे. कोर्ट ने कहा- अब आप अलग पार्टी हैं, अपनी पहचान बनाएं. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने अजित पवार गुट से 18 मार्च तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा था. बेंच ने अजित गुट से बिना शर्त लिखित गारंटी देने का आदेश दिया कि वे शरद पवार की तस्वीर का इस्तेमाल नहीं करेंगे.
कोर्ट ने पूछा- आप प्रमोशन के लिए उनकी फोटो का इस्तेमाल क्यों करते हैं?
14 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अजित गुट से कहा था- अब आप एक अलग पार्टी हैं. आपने शरद पवार के साथ नहीं रहने का फैसला किया है तो आप प्रचार के लिए उनकी फोटो क्यों इस्तेमाल करते हैं? अब अपनी पहचान भी बनाएं. अदालत ने अजीत पवार गुट को चुनाव चिह्न के रूप में किसी अन्य प्रतीक का उपयोग करने और नई विचारधारा के आधार पर चुनाव लडऩे का भी निर्देश दिया.
बारामती में अजित बोले- यशवंतराव चव्हाण का नाम और फोटो यूज कर रहे
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर होने और कोर्ट की फटकार के बाद अजित पवार ने बारामती में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना सरकार के साथ गठबंधन करने के बाद उनकी पार्टी ने शरद पवार के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल किया था. अजित ने यह भी कहा कि जब शरद पवार ने अपनी तस्वीर और नाम के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई और कार्रवाई की चेतावनी दी तो हमने ऐसा करना बंद कर दिया. अब हम यशवंतराव चव्हाण की तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं और लोगों के पास जा रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-डब्ल्यूपीएल : बैंगलोर पहली बार बनी चैंपियन, दिल्ली कैपिटल्स को उसी के घर में हराया
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