नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई मौकों पर फटकार लगाए जाने के बाद, योग गुरु रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने भ्रामक विज्ञापन मामले में दिए गए वचन का पालन नहीं करने के लिए अदालत से बिना शर्त माफी मांगी है. माफीनामा शनिवार को दाखिल किया गया और सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर कल फिर सुनवाई करेगा. योग गुरु, जिन्हें लोकप्रिय रूप से बाबा रामदेव के नाम से जाना जाता है, और बालकृष्ण को सुनवाई के लिए उपस्थित रहने के लिए कहा गया है.
सुप्रीम कोर्ट की फटकार
2 अप्रैल को, अदालत ने रामदेव और बालकृष्ण को एक सप्ताह के भीतर उचित हलफनामा दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया था और कहा था कि उनके द्वारा दायर की गई पहले की माफी अधूरी और महज दिखावा थी.
पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले साल 21 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वह किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं करेगी, खासकर उसके द्वारा निर्मित और विपणन किए गए उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग से संबंधित कानून का उल्लंघन नहीं करेगी. कंपनी ने यह भी आश्वासन दिया था कि औषधीय प्रभावकारिता का दावा करने वाला या चिकित्सा की किसी भी प्रणाली के खिलाफ कोई भी आकस्मिक बयान किसी भी रूप में मीडिया में जारी नहीं किया जाएगा.
शनिवार को दायर हलफनामे में, योग गुरु और बालकृष्ण ने लिखा है, मैं विज्ञापनों के मुद्दे के संबंध में बिना शर्त माफी मांगता हूं... मुझे इस गलती पर खेद है और मैं माननीय अदालत को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इसे दोहराया नहीं जाएगा. मैं इस माननीय न्यायालय के दिनांक 21.11.2023 के आदेश के पैरा 3 में दर्ज बयान के उल्लंघन के लिए बिना शर्त और अयोग्य माफी मांगता हूं.
मैं आगे वचन देता हूं और सुनिश्चित करता हूं कि उक्त कथन का अक्षरश: पालन किया जाएगा और ऐसे किसी भी विज्ञापन का उपयोग नहीं किया जाएगा... मैं कथन के उपरोक्त उल्लंघन के लिए क्षमा चाहता हूं. मैं हमेशा कानून की महिमा को बनाए रखने का वचन देता हूं और न्याय की महिमा, हलफनामे में कहा गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-AAP ने दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए 'जेल का जवाब वोट से' अभियान शुरू किया
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