कोलकाता. पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. चीफ जस्टिस टीएस शिवगणम की अध्यक्षता वाली पीठ ने हिंसा को लेकर सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से नाराजगी जाहिर की. आगे कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर जहां हिंसा हुई है क्यों न वहां लोकसभा चुनाव न कराएं जाएं?
गौरतलब है कि बंगाल में 7 मई और 13 मई को मतदान होने हैं, यहां 4 जून को मतगणना होगी. मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने हिंसा को लेकर सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल खड़ा किया. कोर्ट ने कहा हम कहते हैं कि चुनाव कराने ही नहीं चाहिए, चुनाव कराने का क्या फायदा है?
केंद्रीय बल क्या कर रहा था?
अदालत ने सवाल किया कि जब हिंसा हुई तो केंद्रीय बल क्या कर रहा था? राज्य में लोकसभा चुनाव है और यहां आचार संहिता लागू है. बावजूद इसके हिंसा हुई, उस समय पुलिस क्या कर रही थी? जानकारी के अनुसार 17 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दिन मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा शहर और मेदिनीपुर के इगरा में दो समुदायों के बीच हिंसा हुई थी. इस हिंसक झड़प में 18 लोग घायल हुए थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पश्चिम बंगाल: हुगली में बीजेपी सांसद उम्मीदवार लॉकेट चटर्जी पर हमला
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