कोलकाता. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस टीएमसी के पूर्व महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी को राज्य में 2021 विधानसभा चुनाव से पहले ही स्कूल भर्ती घोटाले के बारे में पता था. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी स्कूली शिक्षा विभाग में नौकरियों के बदले बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार और जबरन वसूली से अच्छी तरह वाकिफ है. करीबी माने जाने वाले पूर्व टीएमसी नेता ने कहा कि पार्टी इस तथ्य से अच्छी तरह वाकिफ थी कि स्कूल शिक्षा विभाग में नौकरियों के बदले बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और जबरन वसूली हो रही थी. पार्टी को 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले ही इसकी जानकारी थी.
पूर्व महासचिव कुणाल घोष ने यह भी दावा किया कि इस भ्रष्टाचार और जबरन वसूली की जानकारी के कारण ही पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को 2021 विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद शिक्षा मंत्रालय से उद्योग विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था. घोष का बयान कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में आयोजित राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 एसएलएसटी की भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से की गई सभी नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश देने के एक सप्ताह बाद आया हैए जिसमें भर्ती प्रक्रिया को अमान्य घोषित किया गया है. हालांकिए टीएमसी ने कहा है कि 2022 में चटर्जी की गिरफ्तारी तक पार्टी को घोटाले की जानकारी नहीं थी.
कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के बाद लगभग 26000 लोगों ने अपनी नौकरियां खो दीं. जुलाई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने पार्थ चटर्जी को एसएससी घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था. गिरफ़्तारी के बाद चटर्जी को राज्य मंत्रिमंडल से हटा दिया गया. विधायक माणिक भट्टाचार्य व जीवन कृष्ण साहा सहित कई टीएमसी नेताओं को घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. यह बयान घोष को भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार के साथ मंच साझा करने के बाद टीएमसी पश्चिम बंगाल महासचिव के पद से हटाए जाने के एक दिन बाद आया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोलकाता हवाईअड्डे पर आपस में टकराए इंडिगो और एयर इंडिया के विमान, यात्रियों में दहशत
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