जबलपुर. रेप के आरोप में जेल में बंद पश्चिम मध्य रेलवे मंडल के कार्मिक विभाग अधिकारी विनोद कोरी की जमानत सेशन कोर्ट ने नामंजूर कर दी है. मंगलवार को हुई सुनवाई पर यह जमानत याचिका निरस्त की गई है. रेलवे अधिकारी विनोद कोरी पर उनकी सहकर्मी महिला ने आरोप लगाया था कि उक्त अधिकारी ने उनके साथ दुष्कर्म किया और बाद में ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया.
मामले की रिपोर्ट बरेला थाने में की गई थी जिस पर बरेला पुलिस ने कार्यवाही करते हुए विनोद कोरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. आठवीं सत्र न्यायाधीश निशा विश्वकर्मा की अदालत में विनोद कोरी की तरफ से जमानत याचिका प्रस्तुत की गई थी जिस पर आपत्ति करते हुए पीडि़त महिला की ओर से अधिवक्ता निखिल भट्ट ने अदालत को बताया कि आरोपी एक सीनियर रेलवे अधिकारी है और पीडि़त महिला को उसी की अनुशंसा पर रेलवे में क्लर्क के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गयी थी, अगर उन्हें जमानत का लाभ दिया जाता है तो उसके द्वारा पीडि़ता के ऊपर दबाव बनाया जा सकता है.
अधिवक्ता निखिल भट्ट ने कोर्ट के समक्ष यह दलील भी पेश की कि चूंकि आरोपी एक अधिकारी है, अत: वह अपने प्रभाव का उपयोग कर कर सबूतों में भी फेरबदल और इन्वेस्टीगेशन को प्रभावित कर सकता है. दलीलों से सहमत होने हुए माननीय न्यायालय ने विनोद कोरी की जमानत नामंजूर कर दी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर रेलवे स्टेशन पर टीसी और यात्री में मारपीट, यात्री के एक चांटा मारते ही गिर गया रेलकर्मी
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