संसार में रहकर गृहस्थ जीवन की सफलता के लिए सुख-समृद्धि का होना निहायत ही जरूरी है. धन-समृद्धि को अर्जित करने के लिए प्रबल पुरुषार्थ यानि कि ईमानदारी पूर्वक कठोर परिश्रम तो आवश्यक है ही. किंतु साथ ही कुछ जांचे-परखे और कारगर उपायों जिन्हें टोने-टोटके के रूप में जाना जाता है को भी आजमाना चाहिये.
1. हर पूर्णिमा को सुबह पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं.
2. तुलसी के पौधे पर गुरुवार को पानी में थोड़ा दूध डालकर चढ़ाएं.
3. यदि आपको बरगद के पेड़ के नीचे कोई छोटा पौधा उगा हुआ नजर आ जाए तो उसे उखाड़कर अपने घर में लगा दें.
4. गूलर की जड़ को कपड़े में बांधकर उसे ताबीज में डालकर बाजु पर बांधे.
5. पीपल के वृक्ष की छाया में खड़े होकर लोहे के पात्र में पानी लेकर उसमें दूध मिलाकर उसे पीपल की जड़ में डालने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और घर में लक्ष्मी का स्थाई निवास होता है.
6. धन समृद्धि की देवी लक्ष्मी को प्रति एकादशी के दिन नौ बत्तियों वाला शुद्ध घी का दीपक लगाएं.
7. घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर तांबे के सिक्के को लाल रंग के नवीन वस्त्र में बांधने से घर में धन, समृद्धि का आगमन होता है.
8. शनिवार के दिन कृष्ण वर्ण के पशुओं को रोटी खिलाएं.
कई बार ऐसा होता है की किसी को प्रेत या कोई अन्य ओपेरा हो जाने पर व्यक्ति गुम हो जाता है या फिर बोलना बंद कर देता है यदि कभी किसी के साथ ऐसा हो तो इलाज करने मे बड़ी मुश्किल हो ज़ाती है इसलिये मै यंहा प्रेत बुलाने का मन्त्र दे रहा हु .इस मन्त्र के प्रभाव से कोई भी ओपरा हो अपना सही सही परिचय देगा.
मन्त्र
ओ३म् नमो हनुमंत वीर वज्र धरी डाकिनी शाकिनी घेरी मारी
गंगा जमुना हमारा बाण बोले बक रे नहीं तो राजा रामचन्द्र लक्ष्मण कुमार
जती हनुमंत गुरु गोरख की आन शब्द साँचा पिण्ड काचा फुरो मन्त्र ईश्वरी वाचा .
विधि
सबसे पहले इस मन्त्र को सिद्ध कर लेवे मंगलवार से शुरू करके अगले मंगलवार तक एक माला का हर रोज शाम को हनुमान मंदिर मे जाप करें व हनुमान जी को हर रोज थोड़ा मीठे का भोग लगते रहे तो मन्त्र सिद्ध हो जायेगा.
इत्र एवं चमेली के फूल को इस मन्त्र से अभिमन्त्रित करके सूंघने को दें और मन्त्र जाप करते रहें तो कुछ हि देर मे किया कराया या प्रेत आदि ज़ो भी होगा अपना सही परिचय देगा इस मन्त्र से अभिमन्त्रित जल पिलाने से भी प्रेत बोलने लगेगा . फिर आपको इलाज करने में सुविधा होगी. करके देखिये परिणाम आश्चर्य चकित कर देगा..
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