कहते है जैसा राजा वैसी प्रजा राजा के अच्छे और बुरे समय का भुगतान जनता को ही करना पड़ता है,वर्तमान मे नरेंद्र मोदी देश के पंतप्रधान है, उनका अच्छा और बुरा समय मई 2024 तक देश की जनता के लिए काफी मायने रखता है, पिछले 10 वर्षों से देश के पंतप्रधान मोदी जी वर्तमान में लग्नेश और चंद्र लग्नेश मंगल की महादशा में चल रहे है जो उनकी कुंडली मे परम योगकारी है,27 अप्रैल 24 तक मोदी जी को मंगल की दशा में गुरु की अंतर्दशा चल रही है, इसके बाद उन्हें मंगल में शनि की दशा चलेगी, मोदी जी की कुंडली मे मंगल परम योगाकारी ग्रह है.
जिसके कारण ही उनकी शख्सियत बनी है, शनि उनकी कुंडली में विशेष राजयोगकारी है, जो उन्हें अपार जनसमर्थन देता है, मई के बाद जब चुनाव परिणाम आएंगे उस समय मोदी जी को शनि का अंतर ही चलेगा, उस समय उनके ग्रह गोचर की स्थिति बहुत शानदार है, जो उन्हें ऐतिहासिक उपलब्धि दिलाएगी मोदी जी का यह मुकाम भारत की राजनीति में मील का पत्थर बन जायगी.
*अबकी बार 400 पार* मोदी जी का राजनीति में उदय एक प्रकार से अवतार जैसे ही है, तीन बार मुख्यमंत्री और तीसरी बार प्रधानमंत्री यहां स्थिति अलौकिक है,यह किसी सामान्य मानव के बस की बात नहीं,इस बात को आज नहीं तो कल इतिहास याद करेगा, यदी 400 oaar का नारा लोगो की जुबान में आया है तो निश्चित रुप से इसमें ईश्वर की कोई इच्छा आवश्य है, क्योंकि भगवत कृपा से आजतक नरेंद्र मोदी में जो कहा वो किया ही है
*शनि दिखाएगा अपूर्व बहुमत* शनि मोदी जी की कुंडली मे राज्य स्थान में सूर्य के नक्षत्र में विराजमान है , जो उन्हें अपूर्व राजयोग दे रहा है, आने वाले समय में यह शनि और दशा नाथ मंगल भारतीय राजनीति में उनके सफाई के अभियान को गति देगा, न्याय के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन होगा, कड़े कानून लागू होंगे, भ्रष्टाचार करने वालो को कड़ा दंड भुगतना होगा, न्याय प्रणाली की आड़ लेकर मोदी जी के कार्य में रुकावट डालने वाले लोगो के लिए समय अब ख़त्म समझिए
*2028 तक है मंगल की दशा* मंगल की यह दशा 2028 तक है जो निश्चित रुप से उनके लिएदेश और विश्व राजनीति में देश को प्र प्रमुख स्थान दिलाने में सहयोग करेगी.
*पंडित चंद्रशेखर नेमा "हिमांशू
9893280184
धनु लग्न की जन्म कुंडली में गुरु के स्थान देखकर भाग्य को जानें
कुंडली के सभी भावों पर सूर्य और शनि युति का प्रभाव
कुंडली के दसवें भाव में गुरु ग्रह शुभ हो तो व्यक्ति ऊंचा पद प्राप्त कर सकता
जन्म कुंडली में यदि चंद्रमा दूसरे या आठवे भाव में हो, तो पसीना अधिक आता