भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं, दिलचस्प बात तो यह है कि भारत के कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां लगभग हर 5 किलोमीटर में भाषा बदल जाती है. Google ने एआई टेक्नोलॉजी की मदद से सभी भाषाओं को समझने वाला एक शानदार टूल तैयार कर लिया है. गूगल डेवलपर्स ने ऐसी टेक्नोलॉजी को डेवलप किया है जो न केवल लोगों की भाषा को समझ सकती है बल्कि उन्हें उनकी भाषा में जवाब भी दे सकती है.
पहले कई ऐसे मॉडल तैयार किए गए जो इंग्लिश लैंग्वेज डेटा पर ट्रेन्ड थे और अब एक मॉडल तैयार किया गया है जो भारत की कई भाषाओं पर ट्रेंड है. Google Gemma कंपनी के ओपन मॉडल का हिस्सा है. Gemma को इस तरह से डिजाइन किया गया है जो सभी चैलेंज को दूर करने में सक्षम है, इसका पावरफुल टोकनाइज़र और बड़ी टोकन शब्दावली (vocabulary) इसे अलग-अलग भाषाओं में जवाब देने के लिए सक्षम बनाती है.
भारत में डेवलपर्स ने Navarasa को तैयार करने के लिए कंपनी के Gemma मॉडल का इस्तेमाल किया है. नवरासा एक ऐसा प्रोजेक्ट या फिर कह लीजिए ऐसा मॉडल है जिसे इस तरह से ट्रेन्ड किया गया है कि वह अलग-अलग भारतीय भाषाओं को समझने में सक्षम है.
नवरासा एक फाइन-ट्यून मॉडल है जो Google Gemma पर बेस्ड है. नवरासा को बनाने के पीछे का मकसद बड़े लैंग्वेज मॉडल्स को बनाना है जिससे कि लोग इससे अपनी मातृभाषा में बात कर सकें और उन्हें जवाब भी उनकी मातृभाषा में मिले. इस मॉडल को तैयार करने के पीछे गूगल का मकसद देश के हर कोने से हर एक व्यक्ति को AI से जोड़ना है.
Google ने AI का इस्तेमाल कर ऐसी टेक्नोलॉजी को बिल्ड किया है जिससे कि देश का कोई भी व्यक्ति पीछे न रहे और हर कोई इससे इस तकनीक का इस्तेमाल करे. गूगल न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के हर एक कोने तक जेनरेटिव AI को पहुंचाना चाहता है जिससे कि लोग इन टूल्स और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अपनी रोजमर्रा की दिक्कत का हल पाने के लिए करें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गूगल ने डूडल के जरिए सेलिब्रेट किया फारसी नववर्ष नौरोज 2024
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