नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के बीच पंजाब कांग्रेस के नेता और संगरूर से उम्मीदवार सुखपाल सिंह खैरा के एक बयान पर बवाल मच गया है. सुखपाल सिंह खैरा ने कहा है कि पंजाब में बाहरी लोगों को न तो वोट डालने का अधिकार मिलना चाहिए, न तो उन्हें सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए और न ही उन्हें जमीन खरीदने का अधिकार दिया जाना चाहिए. इस तरह के बयान पर विपक्षी पार्टियों ने जोरदार हमला बोला है. सुखपाल सिंह खैरा के बयान के बाद पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी भी चर्चा में आ गए हैं क्योंकि कुछ साल पहले उन्होंने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया था जिसको लेकर जमकर विवाद हुआ था.
सुखपाल खैरा के बयान के बहाने कांग्रेस को घेरते हुए बीजेपी नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा, 'उन्होंने कहा है कि पंजाब के बाहर से आने वाले लोगों को यहां नौकरी या वोट डालने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए. मैं उनसे पूछता हूं कि क्या अमेरिका और पंजाब में रहने वाले पंजाबियों के साथ भी यही होना चाहिए? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और खुद सुखपाल सिंह खैरा को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.'
दरअसल, सोशल मीडिया पर सुखपाल सिंह खैरा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें सुखपाल सिंह खैरा कहते हैं, 'जैसे हिमाचल प्रदेश में टेनेंसी एक्ट 1972 है, उसी तर्ज पर मैंने 2023 में स्पीकर को लिखकर दिया था. मेरी मांग है कि हिमाचल की तर्ज पर कोई भी गैर पंजाबी यहां आकर सीधा जमीन न ले सके, सीधा वोटर न बन सके, सीधे नौकरी न ले सके. सिर्फ हिमाचल ही नहीं, यह कानून गुजरात में भी है, उत्तराखंड ने भी इस कानून को अडॉप्ट कर लिया है. अगर हमने बाहरियों को ऐसे ही बसने दिया तो 10-15 साल में यहीं पर पगड़ी वाला कोई नहीं बचेगा, पंजाबी नहीं बचेगी.'
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