नई दिल्ली. नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) की संसदीय दल की बैठक आज के सेंट्रल हॉल में हो रही है. इस बैठक में सांसदों के बीच मंत्रालयों के बंटवारे पर भी सहमति बनाने की कोशिश होगी.
सूत्रों के मुताबिक, आज ही एनडीए की सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. सूत्रों के अनुसार 9 जून को नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ लेंगे. बता दें कि एनडीए को इस बार 293 सीटों के साथ बहुमत मिला है. लगातार तीसरी बार एनडीए ने बहुमत हासिल किया है. आज बैठक में संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार जैसे गठबंधन के वरिष्ठ सदस्य राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और उन्हें समर्थन देने वाले सांसदों की सूची सौंपेंगे.
आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से आशीर्वाद लेने जायेंगे मोदी
एनडीए का प्रतिनिधिमंडल थोड़ी देर में राष्ट्रपति भवन पहुंचेगा. प्रधानमंत्री मोदी को अगले पीएम बनाने के लिए एनडीए का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति को समर्थन पत्र सौंपेगा. सरकार बनाने का दावा पेश करने के पहले मोदी लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से आशीर्वाद लेने जा सकते हैं. दोनों के घर की सुरक्षा बढ़ाई गई.
दक्षिण भारत में एनडीए ने नई राजनीति की नींव मजबूत की- नरेंद्र मोदी
एनडीए संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, दक्षिण भारत में एनडीए ने नई राजनीति की नींव मजबूत की है. कर्नाटक और तेलंगाना को देखिए, वहां हाल ही में राज्य सरकारें बनी हैं. लेकिन लोगों का भरोसा पल भर में टूट गया और वे भ्रम से बाहर आ गए. उन्होंने कर्नाटक और तेलंगाना में एनडीए को स्वीकार कर लिया. मैं तमिलनाडु की टीम को बधाई देना चाहता हूं, कई लोग जानते थे कि शायद हम कोई सीट नहीं जीत पाएंगे लेकिन हम इस लड़ाई में एकजुट होंगेज्हम तमिलनाडु में भले ही एक सीट नहीं जीत पाए हों लेकिन जिस तेजी से एनडीए का वोट शेयर वहां बढ़ा है, वो साफ संदेश दे रहा है- कल में क्या लिखा हुआ हैज्केरल में हमारे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बलिदान दियाज्पहली बार हमारे पास केरल से कोई प्रतिनिधि है.
ये सबसे मजबूत गठबंधन सरकार- मोदी
एनडीए संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मेरा मानना है कि अगर हम 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें, तो हर पैरामीटर से दुनिया मानेगी कि ये एनडीए की महाविजय है. आपने देखा कि दो दिन कैसे बीते, ऐसा लगा जैसे हम हार गए, क्योंकि उन्हें (विपक्ष को) अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए ऐसे काल्पनिक वादे करने पड़े. अगर गठबंधन के इतिहास में आंकड़े देखें तो ये सबसे मजबूत गठबंधन सरकार है. इस जीत को स्वीकार न करने का प्रयास किया गया.
ईवीएम ने विपक्ष को चुप करा दिया
नरेंद्र मोदी ने कहा, जब 4 जून को नतीजे आ रहे थे, मैं काम में व्यस्त था. बाद में फोन आने लगे. मैंने किसी से पूछा, नंबर ठीक हैं, मुझे बताओ ईवीएम जिंदा है कि मर गया. इन लोगों (विपक्ष) ने यह सुनिश्चित करने का फैसला किया था कि लोग भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर विश्वास करना बंद कर दें. उन्होंने लगातार ईवीएम का दुरुपयोग किया. मुझे लगा कि वे ईवीएम का जनाजा निकालेंगे. लेकिन 4 जून की शाम तक, उनको ताले लग गए. ईवीएम ने उनको चुप कर दिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-चिलचिलाती गर्मी में राहत: दिल्ली और UP समेत इन राज्यों में आंधी और बारिश की संभावना
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