मथुरा. उत्तर प्रदेश के मथुरा में ग्रामीण विकास के कार्यों से जुड़े मामलों में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ 4 माह से अनशन कर रहे बुजुर्ग सामाजिक कार्यकर्ता की इलाज के दौरान मौत हो गयी. परिजनों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन बुजुर्ग शिकायतों पर कार्रवाई करने के स्थान पर उन्हें ही अनशन समाप्त करने के लिए दबाव बनाने में लगा हुआ था.
परिजनों के अनुसार सामाजिक कार्यकर्ता की तबीयत बिगड़ी और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई. इस मामले में मांट के उप जिलाधिकारी आदेश कुमार ने बताया कि नौहझील के रहने वाले देवकीनन्दन शर्मा उम्र 66 कई वर्षों से गांव में कराए गए शौचालय निर्माण, मिनी सचिवालय, मनरेगा आदि से संबंधित विकास कार्यों से असंतुष्ट थे जिसे लेकर उन्होंने कई शिकायतें की थीं. उप जिला अधिकारी ने बताया कि उनकी शिकायतों पर कई बार जिला स्तर पर जांच की गई. जिसमें वे स्वयं भी शामिल रहे लेकिन जांच रिपोर्ट से नाराजगी जाहिर करते हुए शर्मा 12 फरवरी को अपने घर में बने मंदिर के बाहर अनशन पर बैठ गए. अधिकारी के अनुसार श्री शर्मा की मृत्यु के बाद पोस्टमॉर्टम कराया गया और उसकी रिपोर्ट में उनके पेट में अन्न पाया गया. उन्होंने बताया कि परिजनों ने देवकीनन्दन शर्मा की स्थिति बिगडऩे की सूचना दी तो तुरंत उन्हें पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और फिर वहां से जिला अस्पताल ले जाया गया. उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. कुमार ने बताया कि सोमवार को भी उनकी मांगों के संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराकर पुन: जांच कराए जाने का आश्वासन दिया गया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-#LokSabhaElections2024 मायावती के मतदाता बदलेंगे उत्तर प्रदेश के नतीजे?
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